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पहली यूरोप-एशिया रेल सुरंग खुली

२९ अक्टूबर २०१३

यूरोप और एशिया के बीच सदियों पुराना सिल्क रूट फिर खुला. तुर्की में दोनों महाद्वीपों को जोड़ने वाली पहली रेल सुरंग चालू हुई. बोसपोरस नाम की यह रेल सुरंग समुद्र में बनाई गई सबसे गहरी रेल सुरंग है.

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तस्वीर: MIRA/AFP/Getty Images

जमीन और समुद्र के भीतर बनाई गई बोसपोरस सुरंग 13.6 किलोमीटर लंबी है. सुरंग का 1.4 किलोमीटर हिस्सा बोसपोरस के समुद्र में बना है. ये काले सागर को सीधे मारमारा सागर से जोड़ता है. तुर्क अधिकारियों का कहना है कि खाड़ी के पास सुरंग 60 मीटर गहराई में खोदी गई है. इस लिहाज से सागर के भीतर से जाने वाली यह सबसे गहरी रेल सुरंग है. सुरंग चीन को सीधे पश्चिमी यूरोप के बाजारों से जोड़ेगी. इसे आधुनिक दौर का रेल सिल्क रूट कहा जा रहा है.

योजना 2005 में शुरू हुई थी. इसे चार साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन रास्ते में पुरातत्व के लिहाज से अहम इमारतें मिलने के बाद काम धीमा कर दिया गया. इंजीनियरों को वहां चौथी शताब्दी का बंदरगाह मिला. इसके बाद इंजीनियरों ने सुरंग को और गहराई पर खोदने का फैसला किया, ताकि अवशेषों को नुकसान न पहुंचे. वैसे इस सुरंग की कल्पना 1891 में ओटोमन साम्राज्य के अब्दुलहमीद द्वितीय ने की थी. तब उन्होंने फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिकी आर्किटेक्टों के सामने ये प्रस्ताव रखा था.

तुर्की और उसके आस पास का इलाका भूगर्भीय हलचलों के लिहाज से जोखिम भरा है. ऐसे में भूकंप की वजह से सुरंग को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही थी. उद्धाटन से पहले इन शंकाओं का जवाब देते हुए तुर्की के परिवहन मंत्री बिनाली यिलदिरिम ने कहा कि सुरंग ऐसे बनाई गई है कि रिक्टर पैमाने पर 9 की तीव्रता वाला भूकंप भी यह सह लेगी. उन्होंने इसे 'इस्तांबुल का सबसे सुरक्षित इलाका' बताया.

सुरंग यूरोपीय संघ और जापान के सहयोग से बनाई गई है. 29 अक्टूबर को तुर्की अपना 90वां स्थापना दिवस मना रहा है. इस मौके पर जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे और रोमानिया के प्रधानमंत्री विक्टर पोंटा के साथ तुर्क राष्ट्रपति रेचप तैयब एर्दोगान ने सुरंग का उद्घाटन किया. एर्दोगान ने इस दिन को दोहरा उत्सव करार दिया.

ओएसजे/एएम (एपी)

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