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पाकिस्तानी सांसद और मंत्री टैक्स नहीं देते

१४ दिसम्बर २०१२

जिन लोगों पर सरकार चलाने की जिम्मेदारी हो, वही कानून का पालन न करें, तो वे आम लोगों से कैसे करवाएंगें. एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के अधिकांश मंत्रियों और सांसदों ने पिछले साल का टैक्स रिटर्न नहीं भरा है.

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तस्वीर: AP

इस्लामाबाद के गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 सदस्यों वाली कैबिनेट के 34 सदस्यों ने आयकर नहीं दिया है. जांच रिपोर्ट जारी करने के मौके पर प्रसिद्ध पत्रकार उमर चीमा ने कहा कि संसद के 446 सदस्यों में से सिर्फ 126 ने टैक्स रिटर्न भरा है.

जांच रिपोर्ट के अनुसार 88 सांसद टैक्स दफ्तर में रजिस्टर्ड ही नहीं हैं. उमर चीमा की दूसरों के साथ मिलकर बनाए गए रिसर्च सेंटर ने अपनी रिपोर्ट फेडरल रेवेन्यू ब्यूरो के सूत्रों से हासिल हुई जानकारी के आधार पर तैयार की है.

रिसर्च सेंटर ने अपनी रिपोर्ट जारी करने से पहले सांसदों से भी संपर्क किया, लेकिन ज्यादातर सांसदों ने जानकारी पाने की कोशिश को नजरअंदाज कर दिया. उमर चीमा ने बताया कि सिर्फ दो सांसदों ने टैक्स के भुगतान से संबंधित रिसर्च सेंटर के सवालों का जवाब दिया.

Pakistan Kabinett 2008 Yousuf Raza Gilani
तस्वीर: picture alliance/dpa

मंत्रियों और सांसदों के टैक्स रिटर्न पर सेंटर फॉर इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग की रिपोर्ट अगले साल के शुरू में होने वाले संसदीय चुनावों से कुछ ही महीने पहले आई है. यह रिपोर्ट ज्यादातर सांसदों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. कथित तौर पर टैक्स न देने वालों में पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक भी हैं.

रहमान मलिक ने आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उन्होंने पिछले साल टैक्स रिटर्न दाखिल किया है. अपने ट्विटर संदेश में उन्होंने लिखा है, "मेरे अगले रिटर्न की तारीख जून 2013 है. मीडिया में मेरे बारे में कुप्रचार है."

क्रिकेटर इमरान खान की तहरीके इंसाफ पार्टी के वरिष्ठ नेता असद उमर ने कहा है कि रिपोर्ट दिखाती है कि व्यवस्था उन लोगों के कब्जे में है जो उसके सबसे बड़े शोषक हैं. उन्होंने कहा, "गलती को सुधारने के लिए रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं है. सवाल यह नहीं है कि यह किया जा सकता है या नहीं, सवाल इच्छा का है."

पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय के अनुसार देश के 18 करोड़ लोगों में से सिर्फ 10 लाख लोग टैक्स देते हैं. सरकार पर अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और दाता देशों का भारी दबाव है. वे टैक्स वसूली से संबंधित कानूनों में सुधार की मांग कर रहे हैं. प्राकृतिक विपदा के असर और कट्टरपंथ से जूझता पाकिस्तान इस समय बुरी तरह से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कर्ज पर निर्भर है.

एमजे/एनआर (डीपीए)