1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

पाकिस्तान, ईयू आपसी सहयोग की नई इबारत

४ जून २०१०

पाकिस्तान और यूरोपीय संघ लिखेंगे आपसी सहयोग की नई इबारत. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के यूरोप दौर पर नागरिक और सैनिक सहयोग के लिए दोनो रजामंद.

https://p.dw.com/p/Ni5J
तस्वीर: Abdul Sabooh

पाकिस्तान और यूरोपीय संघ आपसी सबंधों को और मजबूत करने में जुटे हैं. आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी यूरोप के दौरे पर हैं. इस दौरान वो ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के नेताओं से मिल रहे हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और ईयू के बीच इस मसले पर दूसरी बार बातचीत हो रही है.

यूरोपीय संघ के अधिकारियों का कहना है कि उनका संगठन पाकिस्तान के साथ अगले पांच साल के लिए सहयोग की एक नई रणनीति पर बात करेगा. इसका मकसद आपसी व्यापार को बढ़ाना है. पिछले साल पाकिस्तान और यूरोपियन यूनियन के बीच 7 अरब यूरो का कारोबार हुआ. फिलहाल पाकिस्तान को यूरोप में 80 फीसदी निर्यात पर टैक्स में छूट मिलती है. पाकिस्तान चाहता है कि निर्यात पर से टैक्स को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए।

दरअसल अफगानिस्तान में जंग लड़ रही संयुक्त सेना और पाकिस्तान दोनों को एक दूसरे की जरूरत है. अभी तक दोनों के बीच केवल जरूरी सैनिक संपर्क ही मौजूद है. पाकिस्तान और नाटो चाहते हैं कि उनके बीच आपसी सहयोग अब दूसरे मामलों में भी बढ़े. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने नाटो महासचिव आंदर्स फो रासमुसेन से भी मुलाकात की है. रासमुसेन ने मुलाकात के बाद कहा कि हमने भविष्य में सहयोग के लिए रूपरेखा तैयार करने पर बात की है. अगर पाकिस्तान राजी हो तो हम उसे मजबूत बनाने में सहयोग करने के लिए तैयार हैं. रासमुसेन ने दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक संवाद बढ़ाने की भी अपील की है.

इस बीच दोनों नेताओं ने तालिबान से चल रही जंग में जीत मिलने तक लड़ते रहने पर जोर दिया है. रासमुसेन ने साफ कहा, "अफगानिस्तान में जब तक हमारा काम खत्म नहीं हो जाता हम वहीं रहेंगे और इस बारे में किसी को कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए."

उधर गिलानी ने भी कहा, "पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ जंग लड़ता रहेगा. इस जंग में हार जाने का विकल्प पाकिस्तान के पास नहीं है".

रिपोर्टः एजेंसियां/निखिल रंजन

संपादनः आभा मोंढे