पाकिस्तान के सेनाप्रमुख कयानी का कार्यकाल बढ़ा
२३ जुलाई २०१०पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने राष्ट्र के नाम अपने टेलिविजन संदेश में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि कयानी का कार्यकाल "उग्रवादियों तथा आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य अभियान में निरंतरता के लिए" बढ़ाया जा रहा है.
पाकिस्तान सरकार के फ़ैसले के साथ कयानी के कार्यकाल को लेकर लगाई जा रही अटकलें खत्म हो गई हैं. अब वह 2013 तक इस पद पर रहेंगे. उन्हें पूर्व तानाशाह परवेज़ मुशर्रफ़ का क़रीबी माना जाता है. मुशर्रफ़ पर सेनाध्यक्ष का पद छोड़ने के दबाव के बाद उन्हें नवंबर 2007 में जनरल मुशर्रफ़ की जगह देश का 14वां सेना प्रमुख बनाया गया था.
गिलानी ने कहा कि कयानी का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी से विचार विमर्श के बाद किया गया है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ कयानी की सक्रिय भूमिका को देखते हुए उन्हें अधिक समय देने के लिए नियमों में ढ़ील दी गई है.
एक के बाद एक सिगरेट पीने वाले कयानी को अमेरिका का चहेता माना जाता है. उनके कार्यकाल में पाकिस्तानी सेना ने अफ़ग़ान सीमा पर स्थित कबायली इलाकों और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में इस्लामी कट्टरपंथियों के ख़िलाफ़ गहन अभियान चलाया है.
इन लड़ाईयों में सैकड़ों उग्रपंथी मारे गए हैं लेकिन पाकिस्तान के पश्चिमी साथी इन अभियानों को पर्याप्त नहीं मानते क्योंकि पाकिस्तानी सेना सिर्फ़ उन विद्रोहियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है जो पाकिस्तानी संस्थानों पर हमला करते हैं. सीमा पार अमेरिका के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय टुकड़ी पर हमला करने वालों को बख्श दिया जाता है.
पाकिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार बन जाने के बावजूद बहुत से विश्लेषकों का मानना है कि देश के 63 साल के इतिहास में आधे से अधिक समय तक निरंकुश शासन करने वाली सेना अभी भी देश के घरेलू और विदेश नीति पर नियंत्रण रखती है.
रिपोर्ट: डीपीए/महेश झा
संपादन: एन रंजन