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पाकिस्तान को चीनी आर्थिक कॉरिडोर की क्या कीमत चुकानी होगी?

२३ नवम्बर २०१६

पाकिस्तान को उम्मीद है कि ग्वादर बंदरगाह को चीन के कशगर से जोड़ने वाली कॉरिडोर परियोजना देश की तकदीर बदल देगी. लेकिन दक्षिण एशिया मामलों के जानकार जिगफ्रीड ओ वुल्फ कहते हैं कि पाकिस्तान को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी.

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Pakistan | China und Pakistan starten ihre Handelsroute
तस्वीर: picture-alliance/AA

कॉरिडोर परियोजना पाकिस्तान के लिए बड़े चीनी निवेश का रास्ता खोलेगी. पाकिस्तान को इसकी बहुत जरूरत है क्योंकि वो अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. खासकर, पाकिस्तानी अधिकारी समझते हैं कि डॉनल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद तो अमेरिका से संबंध और मुश्किल हो सकते हैं क्योंकि अभी तक ट्रंप का रवैया काफी भारत समर्थक दिखाई दिया है.

कॉरिडोर परियोजना से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा, लेकिन इसका फायदा देश के सभी प्रांतों को होगा, यह कहना मुश्किल है. इससे सबसे ज्यादा फायदा पंजाब को ही मिलने की उम्मीद है जहां से पाकिस्तानी सैन्य और असैन्य नेतृत्व का संबंध है.

वहीं गिलगित-बल्तिस्तान पर कॉरिडोर परियोजना का नकारात्मक असर होगा, खास तौर से वहां के पर्यावरण पर. चीनी निवेश से पाकिस्तान को आर्थिक फायदा तो होगा, लेकिन इससे उसकी चीन पर निर्भरता बढ़ेगी. पाकिस्तान को इस परियोजना की कीमत चुकानी होगी. पाकिस्तान को सभी फैसले चीन के हितों को ध्यान में रखकर लेने होंगे. इससे पाकिस्तान में चीन परस्ती और मजबूत होगी. कई लोग तो यहां तक कहते हैं कि पाकिस्तान चीन का उपनिवेश बन जाएगा.

सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसके जरिए चीन पाकिस्तान में रणनीतिक और राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है. इस परियोजना के कारण दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग भी बढ़ेगा. ऐसे में, इस बात की आशंका है कि ये सहयोग व्यापार और आर्थिक सहयोग से आगे जा सकता है. भारत के नीति निर्माताओं की सबसे बड़ी चिंता यही है. ये कॉरिडोर गिलगित बल्तिस्तान के विवादित इलाकों से भी गजुरेगा, जो भारत प्रशासित कश्मीर से ज्यादा दूर नहीं है.

भारत और अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के बिगड़ते रिश्ते इस परियोजना की राह में रोड़े साबित हो सकते हैं. इसकी कामयाबी क्षेत्रीय स्थिरता, सुरक्षा और कानून के राज पर निर्भर करेगी. अगर सुरक्षा की गारंटी नहीं होगी तो चीनी कंपनियां पाकिस्तान में मौजूदा समझौते से परे जाकर निवेश करने से हिचकेंगी. पाकिस्तान को इस बात का अहसास है और इसीलिए उसने परियोजना की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ग्वादर बंदरगाह का उद्घाटन करते हुए सभी निवेशकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा, "जो चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर परियोजना का दुश्मन है, वो पाकिस्तान का दुश्मन है.” चीन इस परियोजना पर 46 अरब डॉलर खर्च करेगा. यह सही है कि पाकिस्तान में आतंकवादी हमले घटे हैं, लेकिन अब भी चरमपंथी किसी भी शहर को निशाना बनाने की ताकत रखते हैं. इसीलिए कॉरिडोर परियोजना को लेकर सुरक्षा के बड़े सवाल पैदा होते हैं.

जिगफ्रीड ओ वुल्फ/एके