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पीएम ने कुरैशी के बर्ताव की आलोचना की

३० जुलाई २०१०

भारत और पाक विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में शाह महमूद कुरैशी के बर्ताव पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अंगुली उठाई. मनमोहन ने कहा, जैसा बर्ताव कुरैशी ने किया उससे बचा जा सकता था.

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तस्वीर: UNI

15 जुलाई को भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच इस्लामाबाद में बैठक हुई. मुलाकात के बाद हुई प्रेस कांफ्रेंस में दोनों देशों के बीच मतभेद नजर आए और कुछ मुद्दों पर कुरैशी आक्रामक दिखे. उन्होंने अपनी राय छिपाई भी नहीं. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहली बार इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर चाहते तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अपने बर्ताव से बच सकते थे.

"मुझे लगता है कि कई मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच सहमति हुई जिनका असर हमारे रिश्तों पर पड़ता. लेकिन प्रेस कांफ्रेंस में जैसा व्यवहार उन्होंने किया उससे लोगों का ध्यान मुद्दों पर हुई सहमति से भटक जाता है. ऐसे बर्ताव से बचा जा सकता था." मनमोहन सिंह ने उम्मीद जताई है कि शाह महमूद कुरैशी भारत यात्रा के निमंत्रण को स्वीकार करेंगे ताकि दोनों देश आपसी बातचीत को फिर से शुरू कर सकें और उसे नया रूप दे सकें.

भारत की यात्रा पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भारत पाक विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक पर उनकी राय पूछी गई थी. जब उनसे पूछा गया कि क्या दो विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत के विफल होने से वह निराश हैं तो उन्होंने कह कि अभी इस विषय में निश्चित तौर पर कुछ भी कह पाना जल्दबाजी ही होगी.

भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीच 15 जुलाई को बातचीत हुई. लेकिन प्रेस कांफ्रेंस के बाद दोनों पक्षों के बीच खटास पैदा हो गई. कुरैशी ने भारतीय गृह सचिव जीके पिल्लई के बयान पर आपत्ति जाहिर करते हुए उनकी तुलना हाफिज मोहम्मद सईद से कर दी. भारत हाफिज सईद पर मुंबई हमलों में शामिल होने का आरोप लगाता है. प्रेस कांफ्रेंस में आतंकवाद और कश्मीर के मुद्दे पर भी दोनों देशों ने कड़े बयान दिए.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: वी कुमार