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पुछल्लों ने पासा पलटा

६ अगस्त २०१०

भारत के खिलाफ तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच में श्रीलंका के पुछल्ले बल्लेबाजों ने पासा पलट कर रख दिया. 150 के अंदर ऑल आउट होती दिख रही मेजबान टीम ने 200 रन से ज्यादा की बढ़त ले ली है. समरवीरा और मेंडिस ने खूंटा गाड़ दिया.

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श्रीलंकाई पुछल्लों से परेशान धोनीतस्वीर: AP

सिर्फ 125 रन पर आठ विकेट गिरने के बाद श्रीलंका की टीम एक बेहद नाजुक जगह पहुंच गई थी, जहां हार की धुंधली सी तस्वीर दिखने लगी थी. लेकिन इसके बाद समरवीरा और अजंता मेंडिस ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए मैच का रुख एक बार फिर मोड़ दिया.

भारत के स्पिन गेंदबाजों प्रज्ञान ओझा और अमित मिश्रा ने अच्छी गेंदबाजी करते हुए चौथे दिन छह विकेट झटाझट झटक लिए. कप्तान कुमार संगकारा और श्रीलंका के अनुभवी बल्लेबाज महेला जयवर्धने आउट हो गए और टीम बुरी हालत में फंस गई. लेकिन पहली पारी में शानदार शतक बनाने वाले समरवीरा और निचले क्रम के बल्लेबाज अजंता मेंडिस ने यहीं पर पारी को संभाल लिया और नौवें विकेट के लिए बेहतरीन साझीदारी की.

समरवीरा ने लगातार दूसरी पारी में अच्छी बल्लेबाजी करते हुए अपना अर्धशतक पूरा किया, जबकि गेंद से नाकाम मेंडिस ने भी सधी हुई बल्लेबाजी की. दोनों बैट्समैन ने बड़े आराम से भारतीय आक्रमण को खेलना शुरू कर दिया. भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक एक कर अपने तरकश के सारे तीर आजमा लिए पर कोई भी निशाने पर नहीं बैठा. यहां तक कि श्रीलंका की दूसरी पारी 200 रन पार कर एक सम्मानजनक स्कोर की तरफ बढ़ गई.

इससे पहले प्रज्ञान ओझा और वीरेंद्र सहवाग ने तीन तीन विकेट लिए, जबकि अमित मिश्रा को भी दो विकेट मिले. लेकिन एक सीमा के बाद स्पिनरों के नाकाम होने के बाद धोनी को एक बार फिर गेंद अपने मध्यम गति के तेजबाजों की तरफ बढ़ानी पड़ी. इशांत शर्मा और अभिमन्यु मिथुन ने फिर से गेंदबाजी शुरू की लेकिन उन्हें भी कामयाबी नहीं मिल पाई.

तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का यह तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच है. गॉल में खेला गया पहला टेस्ट मेजबान श्रीलंका ने जीता, जबकि कोलंबो के दूसरे ग्राउंड पर हुआ दूसरा टेस्ट मैच बिना किसी नतीजे के खत्म हो गया. अगर भारत यह तीसरा मैच जीत लेता है तो टेस्ट मैचों में उसके पहले नंबर की कुर्सी बची रहेगी. लेकिन अगर वह हार जाता है तो समीकरण गड़बड़ा सकते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः वी कुमार