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पुतिन के भारत दौरे पर होंगे कई अहम समझौते

समरा फातिमा१० दिसम्बर २०१४

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सालाना शिखर वार्ता के लिए आज भारत पहुंचे. यात्रा के दौरान सैन्य और तकनीकी सहयोग के अलावा परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अहम समझौतों पर बातचीत होगी.

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Russischer Präsident Putin in Sotschi
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Metzel

पुतिन ने इस यात्रा से पहले भारत जाने की खुशी जाहिर की और नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनका दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों में अहम योगदान रहा है. मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कई बार रूस का दौरा किया है. शिखर वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ावा देने, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, सीमा शुल्क और बैंकिंग जैसे मुद्दों में सहयोग पर चर्चा होगी.

पीटीआई को दिए इंटरव्यू में पश्चिमी देशों के दबाव का सामना कर रहे पुतिन ने भारत और रूस के बीच विशेष कूटनीतिक साझेदारी की उम्मीद जताई. सम्मेलन के दौरान दोनों देश आपसी सहयोग को और आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंधों में सैन्य सहयोग ने हमेशा से अहम भूमिका निभाई है. शीत युद्ध के समय से ही रूस भारत की सैन्य सामग्री जुटाने में मदद करता रहा है.

पुतिन ने कहा कि रूस भारतीय ऊर्जा कंपनियों का उत्तर ध्रुवीय तेल क्षेत्रों में स्वागत करता है. रूस 2017 तक भारत को प्राकृतिक गैस के निर्यात की योजना भी बना रहा है. रूस की पाकिस्तान के साथ सैन्य तकनीकी मामलों में साझेदारी की मंशा पर भारत के डर के जवाब में पुतिन ने कहा कि रूस का पाकिस्तान को सहयोग आतंकवाद और मादक द्रव्यों से लड़ने के इरादे से है. उन्होंने कहा कि इस तरह के संबंध सभी देशों के लिए फायदेमंद हैं.

Putin mit Modi in Fortaleza 15.07.2014
उम्मीद की जा रही है कि मोदी और पुतिन की यह मुलाकात दोनों देशों के संबंधों को नए आयाम देगी.तस्वीर: Reuters/Michael Klimentyev/RIA Novosti/Kremlin

मोदी और पुतिन के बीच यह पहला शिखर सम्मेलन होगा. हालांकि प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से यह मोदी और पुतिन की तीसरी मुलाकात है. इससे पहले जुलाई में दोनों नेता ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान ब्राजील में और दूसरी बार ब्रिस्बेन में जी20 देशों के सम्मेलन में मिल चुके हैं. दोनों ही मौकों पर मोदी और पुतिन गर्मजोशी से मिले. पुतिन के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल भी नई दिल्ली आ रहा है. दो दिवसीय शिखर वार्ता के दौरान पुतिन पहले मोदी से अकेले में मिलेंगे, फिर दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत होगी.

पश्चिमी देशों से लगे प्रतिबंध के बाद खासकर खाद्य उत्पादों का आयात रूस के लिए बड़ी उलझन है. ऐसे में भारत के सामने रूस को खाद्य निर्यात करने के बेहतर अवसर हैं. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार के बेहतर अवसर दिखाई दे रहे हैं. यूक्रेन मामले में रूस के हस्तक्षेप के चलते अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए.

भारत और रूस के बीच दोस्ताना संबंध पहले से दुनिया के सामने हैं. उम्मीद की जा रही है कि महत्वाकांक्षी छवि के लिए अंतरराष्ट्रीय पटल पर जाने जा रहे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पुतिन की यह मुलाकात दोनों देशों के संबंधों को नए आयाम देगी.