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पुरानी सीडी से मूर्तियां बनाता है यह कलाकार

डानिएला स्पेथ
२६ मई २०१७

पेन ड्राइव हो या सीडी - ये रोजमर्रा के जीवन में डेटा को सहेजने में हमारे काम आती हैं. लेकिन एक जर्मन कलाकार पुरानी सीडीज को ऐसा रूप देता है कि वह डिजिटल से फिर एनालॉग रूप में दिखने लगे.

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DW Sendung Euromaxx Matthias Hintz
तस्वीर: DW

एक हॉट एयर गन और सीडी, बस इन्हीं दोनों चीजों से मथियास हिंत्स अपना काम कर जाते हैं. जर्मन शहर ड्यूसेलडॉर्फ के पास रहने वाले मथियास नौ साल से डाटा स्कल्पचर्स पर काम कर रहे हैं. अपनी कलाकृतियां बनाने के लिए उन्हें हजारों पुरानी सीडीज की जरूरत पड़ती है. इस तरह वे मैकरॉन पॉलीकार्बोनेट को नई शक्ल दे देते हैं.

मथियास हिंत्स कहते हैं, "मैं इंफॉर्मेशन को डिफॉर्म करता हूं, आप ये कह सकते हैं कि छुपी हुई इंफॉर्मेशन को मैं एनालॉग में ढाल देता हूं, जिसे आप देख सकते हैं, छू सकते हैं. उसे हिला सकते हैं. आप उसकी आवाज सुन सकते हैं और यहां तक कि गंध भी सूंघ सकते हैं. ये सारी चीजें रोमांचक हैं."

अपने स्कल्पचर्स को मथियास एनालॉग डिजिटल कहते हैं. ड्यूसेलडॉर्फ एके़डमी ऑफ आर्ट्स के छात्र रह चुके मथियास विरोधाभासी चीजों को साथ मिलाकर कला का नमूना पेश करते हैं. वह अब तक इस तरीके से सैकड़ों प्रतिमाएं बना चुके हैं. अपने काम में वह इंसान से जुड़े आभास को सामने लाने की कोशिश करते हैं.

सीडीज को कच्चे माल की तरह इस्तेमाल करना और उनसे इंसान सी दिखती कलाकृतियां बनाना, ये सब अचानक ही हो गया. 2008 में एक अस्पताल ने उनसे कहा कि वह अपने हिसाब से कला के जरिये क्रोमोसोम की व्याख्या करें. उसी आइडिया पर काम करते हुए उन्हें लगा कि सीडी सिर्फ डाटा स्टोरेज से कहीं ज्यादा काम आ सकती है. मथियास बताते हैं, "एक रिकॉर्डेड सीडी जीन की तरह है, इंसान के जीन की तरह. अगर आप जीनों को मिलाते जाएं तो एक बड़ा इंसान बन जाएगा. अगर मैं एक रिकॉर्डेड सीडी को दूसरी सीडी के साथ रख दूं तो उनकी मदद से एक आकृति बना सकता हूं."

मथियास को इस पूरे काम की प्रेरणा एक सब्जी से मिली, वो भी ब्रोकली से. शुरू में उन्होंने सिर्फ इसी सब्जी पर ध्यान दिया. ब्रोकली को काटकर उन्होंने कुछ दिन तक सुखाया और फिर उस संरचना को अपनी प्रतिमाओं का आधार बनाया.

अब वह कई और प्राकृतिक चीजों, जैसे लकड़ी और फूलों से भी प्रेरणा लेते हैं. लेकिन इन चीजों को एक साथ जोड़ने के लिए भी वह सीडी का ही इस्तेमाल कर करते हैं.

मथियास कहते हैं, "काम की बात करें तो मुझे ये बातें हमेशा परेशान करती हैं, लकड़ी जैसी चीजों की नश्वरता, मोम में दरार या जब उस पर सूरज चमकता है तो वह गल जाती है, या लकड़ी के कीड़े. मुझे उन संभावनाओं का पता चला, जिन्हें मैं माक्रोलोन के साथ मूर्त रूप दे सकता था. मैं उसे खींच सकता हूं, छोटा कर सकता हूं, दबा सकता हूं, उससे धागे बना सकता हूं. और अगर कभी गलती हो जाये या अपने काम से संतुष्ट नहीं हूं तो सब कुछ बिना किसी समस्या के नष्ट कर सकता हूं."

पॉलीकॉर्बोनेट के कई फायदे हैं. यह हल्का, हर मौसम का सामना करने वाला और टिकाऊ होता है. अपने घर के बाहर चार मीटर ऊंचा नमूना रखना भी उनके लिये बहुत आसान है. कलाकृतियां बड़ी हो या छोटी, मथियास का काम ध्यान खींचता है, जैसे ड्यूसेलडॉर्फ की इस गैलरी में.

उनके काम की मांग पूरे जर्मनी में है. 2010 में ड्यूसेलडॉर्फ के आर्ट मेले के साथ साथ 2016 में सेबिट कंप्यूटर मेले में भी उनकी कलाकृतियां मुख्य आकर्षण थीं. मथियास अपनी कलाकृतियों को कोई नाम नहीं देते, न ही उनके भीतर छुपे डाटा की वह परवाह करते हैं. वह कहते हैं, "कंटेंट जैसी कोई बात नहीं है. यह सब तो आपके दिमाग में होता है. हर किसी को खुद सोचना चाहिए कि इस काम में क्या है." दुनिया भर में पुरानी सीडी आम तौर पर कचरा समझी जाती हैं, लेकिन मथियास उन्हें कला में ढालकर नायाब ढंग से संजो रहे हैं.