पुलों पर प्यार का बोझ
१३ अगस्त २०१४फ्रांसीसी राजधानी पेरिस के कई पुल लाखों तालों के बोझ से झुकने लगे हैं. अनुमान के मुताबिक पेरिस के पुलों पर 7,00,000 ताले जड़े हैं. एक ताले का औसत वजन कम से कम 100 ग्राम है. इस लिहाज से पुलों हर वक्त 7000 किलोग्राम का अतिरिक्त भार है. पेरिस के अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वो प्यार का इजहार करने के लिए पुलों पर ताला न जड़े. इनके बोझ से पुलों का ढांचा खराब हो रहा है.
पेरिस शहर प्रशासन ने इससे निपटने के लिए फ्रांसीसी अंदाज में मुहिम शुरू की है. प्रेमियों से अपील की गई है कि वो पुलों पर चढ़ते हुए "सेल्फी" तस्वीर लें और उसे #lovewithoutlocks (लव विद आउट लॉक्स) के साथ ट्वीट कर दें. ट्वीट न करने वाले प्रेमी अपनी तस्वीर लव विद आउट लॉक्स नाम की वेबसाइट पर पोस्ट भी कर सकते हैं.
अधिकारियों के मुताबिक पर्यटकों को ताले लगाने के बुरे असर को समझना चाहिए, "लव लॉक्स की वजह से पेरिस के पुलों पर बहुत ज्यादा बोझ पड़ गया है."
प्यार का लॉक
आम तौर पर यूरोप के रोमांटिक शहरों में प्रेमी जोड़े पुलों की रेलिंग पर बढ़िया और मजबूत ताला जड़ देते हैं. ताले पर प्रेमी, प्रेमिका का नाम लिखा होता है. ताला बंद करने के बाद प्रेमी जोड़े एक दूसरे को चूमते हुए चाबी को नदी में फेंक देते हैं. पहले यह चलन एकाध शहरों में ही था, लेकिन अब कई कई में ऐसा देखा जा रहा है. पुलों के बगल में तालों और उस पर लिखाई करने वालों की दुकानें भी सजी रहती हैं.
माना जाता है कि इस चलन की शुरुआत एक सर्बियाई लड़की की कहानी से हुई. वह अपने प्रेमी से जिस पुल पर मिलती, वहां एक ताला लगा देती. दोनों का प्यार अंजाम तक नहीं पहुंचा लेकिन पुलों पर लगे ताले लोगों को उनकी कहानी सुनाते रहे. हाल के समय में इस प्रथा को वापस लाने का आरोप इटली के लेखक फेडरिको मोशिया पर मढ़ा जाता है. उनकी किताब "आई वॉन्ट यू" में एक प्रेमी जोड़ा रोम के पोंटे मिलवियो पुल के लैम्पपोस्ट पर ताला लगाता है. उनकी किताब बाजार में आने के बाद रोम के स्थानीय प्रेमियों भी उसी लैम्पपोस्ट पर जड़ने शुरू कर दिए. लैम्पपोस्ट के भरने के बाद लोगों ने पुलों की रेलिंग पर ताले लगाने का चलन शुरू कर दिया. अब ये ट्रेन्ड पूरे यूरोप में फैल चुका है.
पेरिस में यह चलन 2008 में पहुंचा. दुनिया भर से आने वाले युवा प्रेमी जोड़ो ने यूरोप के बाकी शहरों की देखा देखी करते हुए यहां के पोंट देस आर पुल पर ताले मारने शुरू कर दिए. चाबी सीधे सेन नदी में जाती है. पहले नगर प्रशासन को भी लगा कि ये चलन शहर के माहौल में और रौनक ला रहा है.
नदी भी दूषित
लेकिन इस साल मार्च में पेरिस में रहने वाले दो अमेरिकियों ने एक याचिका दायर की. उन्होंने मशहूर पोंट देस आर्ट्स पुल से ताले हटाने की मांग की. उनके मुताबिक तालों के बोझ से पुल खराब हो रहा है. जून में पुल की एक रेलिंग भी तालों के वजन से टूट गई. जांच में पता चला कि पुल को ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है. पर्यावरण विशेषज्ञ नदी के दूषित होने का खतरा भी सामने ला रहे हैं. नदी में डूबी चाबियां जंग लगने के बाद पानी को दूषित करती है.
दुनिया भर के युवाओं के बीच आकर्षण का केंद्र रहने वाला जर्मनी का कोलोन शहर भी ऐसी ही समस्या से जूझ रहा है. कोलोन के मुख्य रेलवे पुल पर प्रेमियों ने लाखों ताले जड़े हैं. कुछ साल पहले जब मुख्य रेल कंपनी डॉयचे बान ने होहेनसोलेर्न पुल से ताले हटाने की कोशिश की तो बड़ी संख्या में युवा विरोध पर उतर आए. डॉयचे बान को कदम वापस खींचने पड़े.
अब देखना है कि पेरिस में युवा प्रेमियों के सामने यह कोशिश कितना रंग लाती है. अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने सिर्फ अपील की है. इस न मानने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
रिपोर्ट: आंद्रेया नीरहॉफ/ओएसजे
संपादन: आभा मोंढे