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पूर्वी कांगो में 500 से अधिक के साथ बलात्कार

८ सितम्बर २०१०

संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सैनिक पूर्वी कांगो में व्यापक बलात्कार के शिकारों की मदद करने में विफल रहे हैं जहां से पिछले महीने 500 से अधिक बलात्कारों की रिपोर्ट आई है.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

शांति अभियानों के प्रभारी अंडर सेक्रेटरी जनरल अतुल खरे ने कहा कि डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के संकटग्रस्त क्षेत्र में यौन हिंसा की संस्कृति बढ़ रही है. इस क्षेत्र में विरोधी गुट सोने और अन्य खानों पर नियंत्रण के लिए लड़ रहे हैं. सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने 13 गांवों में कम से कम 242 महिलाओं और बच्चों के साथ हुए बलात्कार की कड़ी निंदा की है और इन हमलों को रोकने में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन मोनुस्को की विफलता की आलोचना की है.

अतुल खरे ने इस बीच उत्तरी और दक्षिणई कीवू प्रांत के दूसरे हिस्सों में लगभग 260 और बलात्कार हमलों की जानकारी दी है जिनमें से कुछ बच्चे भी थे जो सिर्फ 7 साल के थे.संयुक्त राष्ट्र अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्यतः डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के अधिकारियों की है लेकिन साथ ही स्वीकार किया, "साफ है कि हम भी विफल रहे हैं. हमारी कार्रवाईयां पर्याप्त नहीं थी जिनका परिणाम इलाके के ग्रामीणों पर अस्वीकार्य बर्बरता रहा है." अतुल खरे ने कहा,"मैं इस बर्बरता का शिकार होने वालों के प्रति व्यक्तिगत अपराधबोध महसूस करता हूं."

विवादों में यौन हिंसा रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रबारी विशेष दूत मार्गरेट वालस्ट्रोम ने बुरी तरह प्रभावित गांव लुविंगी की एक महिला का बयान पढ़कर सुनाया जहां 103 महिलाओं और बच्चों के साथ बलात्कार हुआ. हथियारबंद लोगों ने गांव घेर लिया और दरवाजा तोड़ कर ङर घर में घुसे. वालस्ट्रोम ने कहा, उसने बताया कि कैसे हथियारबंद लोगों ने सोना खोजने के लिए महिलाओं के गुप्तांगों में हाथ घुसाया. बहुत सी महिलाओं को पांच छह लोगों ने एक साथ गैंग रेप किया.

वाल्स्टोम ने कहा है कि डीआर कांगो इस धारणा का गुलाम बन रहा है कि वह दुनिया की बलात्कार राजधानी है. अतुल खरे ने कहा है कि वहां से 2008 और 2009 में हर साल 15000 से अधिक बलात्कारों की रिपोर्ट आई है. वालस्ट्रोम पहले ही कह चुकी है कि बलात्कार के मामले में हथियारबंद गुटों के नेताओं पर युद्ध अपराध का मुकदमा चलाया जा सकता है. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत सूजन राइस ने कहा है कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति में कुछ मिलिशिया सरदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर सकता है. अतुल खरे ने माइ माइ चेका ग्रुप और एफडीएलआर पर जिम्मेदारी डाली है और कहा है कि इन गुटों के नेता कर्नल मायेले और कर्नल सेराफिम ने लुविंगी गांव के लोगों से कहा था कि वे गांव को सुरक्षा देना चाहते हैं.

रिपोर्ट: एएफपी/महेश झा

संपादन: उ भट्टाचार्य