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पूर्व सैनिकों ने ओआरओपी पर लौटाए मेडल

१० नवम्बर २०१५

भारत के रिटायर्ड सैनिकों ने सरकार के पेंशन प्लान को नाकाफी बताते हुए अस्वीकार कर दिया है. वन रैंक, वन पेंशन पर केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर अपना असंतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने अपने रक्षा मेडल लौटाने का निर्णय लिया.

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तस्वीर: Reuters

मंगलवार को दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में कई पूर्व सैनिकों ने अपने मेडल वापस किए और देश में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किए. रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने मेडल वापसी को "सैनिकों को ना शोभा देने वाला" बर्ताव बताया.

पूर्व सैनिकों ने इस साल की दिवाली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के विरोध में काली दिवाली के रूप में मनाने का निर्णय किया है. उनका आरोप है कि सरकार वन रैंक, वन पेंशन पर दिए गए अपने आश्वासन से मुकर गई है. इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट (आईईएसएम) के महासचिव ग्रुप कैप्टन वीके गांधी (रिटायर्ड) ने बताया कि किसी जूनियर को किसी सीनियर से अधिक पेंशन ना मिले, यही तो ओआरओपी का आधार था.

सरकार ने 7 नवंबर को ओआरओपी योजना के बारे में नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसे पूर्व सैनिकों के संगठन ने नकार दिया. इस प्रस्ताव के अंतर्गत 24 लाख पूर्व कर्मचारी और युद्ध में मारे गए सैनिकों की 6 लाख विधवाएं हैं.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर कुछ मेडल लौटाए गए. एक दिन पहले ही एक्स-सर्विसमेन का एक दल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिला और अपने पक्ष से अवगत कराया. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मोदी सरकार पर ओआरओपी मामले पर "धोखे की राजनीति" करने का आरोप लगाया है..

आरआर/एमजे (पीटीआई)