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पैगंबर पर टिप्पणी से मचा बवाल

प्रभाकर६ जनवरी २०१६

पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ एक हिंदुत्ववादी नेता की कथित अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में अल्पसंख्यकों ने जमकर बवाल किया. हिंसा के दौरान कम से कम 40 वाहन जला दिए गए.

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Mamata Banerjee
तस्वीर: Dibyangshu Sarkar/AFP/Getty Images

भीड़ ने एक थाने में भी आग लगा दी. इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस बीच भाजपा ने ममता बनर्जी सरकार पर हमलावरों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है. बुधवार को मौके पर गए भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल को इलाके में जाने नहीं दिया गया. इलाके में अब भी तनाव बना हुआ है.

हिंदू महासभा के उत्तर प्रदेश के एक नेता कमलेश तिवारी ने बीते महीने कथित रूप से पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. इस मामले में दो दिसंबर को लखनऊ में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. तिवारी के विरोध में अल्पसंख्यक संगठनों की ओर से रविवार को मालदा में एक विशाल रैली निकाली गई. उसी रैली के दौरान भीड़ के अचानक हिंसक हो जाने की वजह से पुलिस के कई वाहनों को जला दिया गया और कालियाचक थाने में भी तोड़-फोड़ की गई. एक युवक को गोली लगने की भी खबर है. रैली का आयोजन अंजुमन अहले सुन्नातूल जमात (एएसजे) के बैनर तले किया गया था. आईजी (कानून व व्यवस्था) अनुज शर्मा ने बताया कि इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अभियुक्तों को छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

भीड़ का रोष

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रैली के दौरान उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम की एक बस रैली को पार कर आगे निकलने का प्रयास कर रही थी. उसी समय उसके ड्राइवर की कुछ लोगों के साथ कहासुनी हो गई. उसके बाद रैली में शामिल लोगों ने बस के तमाम यात्रियों को नीचे उतार कर बस में आग लगा दी. भीड़ की नाराजगी बढ़ती रही. उसी दौरान वहां पहुंचे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वाहन को भी आग लगा दी गई. रैली में शामिल लोग फिर नजदीक स्थित कालियाचक थाने की ओर बढ़े और वहां परिसर में खड़े पुलिस के तमाम वाहनों को आग के हवाले कर दिया. लोगों ने थाने में भी जमकर तोड़-फोड़ मचाई. इस हमले के दौरान थाने के एक इंस्पेक्टर को भी चोटें आईं.

इलाके में तनाव

इस घटना के तीन दिन बाद भी पूरे इलाके में तनाव और सन्नाटा पसरा है. बुधवार को भाजपा विधायक शमीक भट्टाचार्य के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जब मौके पर जाने के लिए कालियाचक पहुंचा तो पुलिस ने एहतियात के तौर पर उनको गिरफ्तार कर लिया. बाद में थाने से उनको छोड़ दिया गया. आईजी (कानून व व्यवस्था) अनुज शर्मा का कहना है कि फिलहाल हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. इलाके में भारी तादाद में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है. सुरक्षा बलों के जवान इलाके में लगातार फ्लैगमार्च कर रहे हैं. किसी अनहोनी के अंदेशे से रविवार रात से ही पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है.

आरोप-प्रत्यारोप

इस घटना को लेकर भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है. भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का आरोप है कि बंगाल सरकार आरोपियों को संरक्षण दे रही है. इतने बड़े पैमाने पर हिंसा व आगजनी के बावजूद इस मामले में अब तक महज 10 लोगों के गिरफ्तार होने से लगता है कि चुनावी साल में अल्पसंख्यक वोटों को ध्यान में रखते हुए ममता सरकार इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है. इस हमले में गोली से घायल होकर मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल आरएसएस कार्यकर्ता गोपाल तिवारी का आरोप है कि हमलावर मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे.

दूसरा पहलू

इस बीच पुलिस व सुरक्षा एजंसियां इस घटना के दूसरे पहलुओं की भी जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि यह महज एक धार्मिक संगठन की रैली नहीं थी, पूरी घटना सुनियोजित थी. मालदा जिला बांग्लादेश से सटे होने की वजह से वहां से घुसपैठ और जाली नोटों की तस्करी होती रही है. पुलिस का कहना है कि हिंसा को उकसाने वालों में असामाजिक तत्व और तस्कर शामिल हो सकते हैं. फिलहाल सीसीटीवी के फुटेज के जरिए अपराधियों की पहचान का प्रयास किया जा रहा है.

दूसरी ओर, रैली का आयोजन करने वाले अल्पसंख्यक संगठन एएसजे ने रैली में शामिल लोगों के आगजनी व तोड़-फोड़ में शामिल होने की खबरों का खंडन किया है. संगठन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इन हमलों में बाहरी तत्व शामिल थे और उन्होंने अल्पसंख्यकों को बदनाम करने के मकसद से ऐसा किया.