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पोप के भारत ना आने से दुखी ईसाई

२७ नवम्बर २०१७

भारत में रोमन कैथोलिक चर्च ने इस बात पर निराशा जतायी है कि पोप फ्रांसिस अपने दक्षिण एशिया के दौरे में भारत नहीं आएंगे. छह दिन के दौरे पर सबसे पहले पोप म्यांमार पहुंचे हैं.

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Myanmar Ankunft Papst Franziskus
तस्वीर: Reuters/M. Rossi

म्यांमार के बाद पोप बांग्लादेश जाएंगे. कैथोलिक चर्च के नेता पोप फ्रांसिस ने एक साल पहले कहा था कि वह 2017 में "लगभग निश्चित रूप से" भारत और बांग्लादेश का दौरा करेंगे. लेकिन अब पोप के दौरे से भारत गायब है और इसका कोई आधिकारिक कारण वैटिकन या भारत सरकार की तरफ से नहीं बताया गया है.

"नास्तिक होना, कपटी कैथोलिक से ज्यादा बेहतर"

पोप का शरणार्थियों के पांव धोना है सशक्त संदेश

कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया के महासचिव बिशप थियोडोर मैसकारेनहांस ने एएफपी से कहा, "पोप हमारे नजदीक में ही आ रहे हैं और भारत नहीं आ रहे हैं. एक भारतीय होने के नाते मुझे इस बात से ठेस लगती है और मुझे विश्वास है कि दूसरे भारतीयों को भी ठेस लगी होगी." उन्होंने कहा, "पोप यहां शांति के दूत के तौर पर आते जो सभी लोगों के लिए एक मरहम के तौर पर होता."

पुतिन, ट्रंप या पोप, यह किसी को नहीं बख्शते

भारत के कार्डिनाल ओसवाल्ड ग्रेसियास ने जुलाई में अमेरिकी नेशनल कैथोलिक रिपोर्टर को बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के मुताबिक समय तलाश पाना "थोड़ा सा मुश्किल है". भारत में लगभग 2.8 करोड़ कैथोलिक ईसाई रहते हैं जो चाहते हैं कि पोप भारत का दौरा करें. पिछली बार पोप जॉन पॉल द्वितीय ने 1999 में भारत का दौरा किया था. भारत में कैथोलिक समुदाय संख्या के हिसाब से हिंदुओं और मुसलमानों के बाद तीसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय है

इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने सोमवार को नागपुर के आर्कबिशप के हवाले से लिखा कि अगर पोप भारत का दौरा करते तो "इससे विश्व स्तर पर भारत की छवि को बढ़ावा मिलता." अब्राहम वीरुथाकुलंगारा ने कहा, "हमारी तुलना में म्यांमार और बांग्लादेश का आकार देखिए." मानवाधिकार समूहों का कहना है कि 2014 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद से देश में धार्मिक तनाव बढ़ा है.

एके/एमजे (एएफपी)