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प्लेन में चलते रहेंगे लैपटॉप, टैबलेट

२ नवम्बर २०१३

हवाई जहाज में चढ़ते ही इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद करने के निर्देश मिलते हैं, लेकिन अमेरिका में अब ऐसा नहीं होगा, अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने उड़ान के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल पर लगी रोक हटा ली है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

रोक के हट जाने के साथ अब लोगों को विमान की लैंडिंग और टेक ऑफ के समय भी अपने लैपटॉप और स्मार्टफोन बंद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि अमेरिका की संघीय संचार समिति के नियमानुसार फ्लाइट के दौरान मोबाइल फोन को चालू रखने की अभी भी छूट नहीं है, लेकिन एयरप्लेन मोड पर रख कर यात्री अपने स्मार्टफोन, टैबलेट और ईरीडर जैसे उपकरण इस्तेमाल कर सकते हैं.

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तस्वीर: Fotolia/Konstantin Yuganov

कारोबार की संभावना बढ़ी

इस बदलाव के साथ लोगों के फ्लाइट के दौरान ईबुक पढ़ने की संभावना बढ़ गई है, जिससे कि अमेजन के किंडल और एप्पल के आइपैड जैसे उपकरणों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन यानी एफएए प्रबंधक माइकल हुएर्टा ने कहा, "ज्यादातर निजी एयरलाइनों को इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाली रेडियो तरंगों से दिक्कत नहीं आती." उन्होंने बताया कि अगर ईबुक या गेम्स जैसी कोई सामग्री पहले से डाउनलोड की हुई है तो उसे इस्तेमाल करने में कोई हर्ज नहीं है. हुएर्टा के मुताबिक ये पॉलिसी अमेरिका की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही उड़ानों पर लागू होगी. यात्री हवाई जहाज के वाइफाइ नेटवर्क से भी जुड़ सकेंगे. इसके अलावा वे ब्लूटूथ और वायरलेस माउस और हेडफोन भी इस्तेमाल कर सकेंगे.

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तस्वीर: bloomua - Fotolia.com

पचाल साल पुरानी नीति

हुएर्टा ने कहा कि यात्रियों से केवल खराब मौसम या फिर लो विजिबिलिटी की स्थिति में ही उपकरण बंद करने के लिए कहा जाएगा. अगर किसी अन्य कारण से भी कप्तान को लगता है कि उपकरण बंद करना ही सही है तो यात्रियों को उनकी बात माननी होगी. शिकागो यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार 2013 में फ्लाइट के दौरान करीब 10.5 करोड़ से ज्यादा घंटों के लिए लोगों की तकनीकी गतिविधियां रुकी रहीं, जो कि एफएए की रोक के कारण 2010 के मुकाबले 104 फीसदी ज्यादा है. रिपोर्ट के अनुसार फ्लाइट के दौरान हवाई जहाज में वाइफाइ की सुविधा होने से इंटरनेट कनेक्शन देने वाली कंपनियों को भी फायदा होगा.

हुएर्टा ने बताया कि उड़ान के दौरान तकनीकी उपकरणों के इस्तेमाल पर पाबंदी की यह नीति करीब 50 साल पुरानी है. एफएए की इस नीति को बदलने के लिए पिछले कई सालों से एयरलाइन कंपनियां, हवाई जहाज निर्माता, यात्री और मोबाइल तकनीक से जुड़ी कंपनियां जोर लगाती रही हैं. इस नीति में संभावित परिवर्तनों के लिए गठित समिति इस पर जनवरी से काम कर रही थी. इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि सहूलियत के लिए सुरक्षा को दांव पर ना लगाया जाए.

एसएफ/आईबी (रॉयटर्स,डीपीए,एपी)

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