फ़ुटबॉल के ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्वी
२७ जून २०१०44 साल पहले वेंबली स्टेडियम में दोनों टीमें आमने-सामने हुई थीं, जहां अतिरिक्त समय में जीओफ़ हर्स्ट के गोल से मेज़बान इंग्लैंड की जीत हुई थी और वह विश्वचैंपियन बना था. आज तक दोनों देशों के फ़ैन्स के बीच विवाद है कि गेंद गोलपोस्ट के अंदर गई थी या नहीं. उस ज़माने में टीवी कैमरे भी नहीं हुआ करते थे.
चार साल बाद मेक्सिको में क्वार्टर फ़ाइनल के मैच में जर्मनी को जवाब देने का मौक़ा मिला था. शुरू में दो गोल से पिछड़ने के बावजूद जर्मनी ने 3-2 से जीत हासिल की. जीत का गोल अतिरिक्त समय में गैर्ड म्युलर के बेहतरीन शॉट से बना था.
1982 में मैड्रिड में बिना गोल का ड्रॉ भले ही नीरस रहा हो, लेकिन 1990 में इटली में दोनों के बीच सेमीफ़ाइनल का मैच फिर एकबार सनसनीखेज़ बन गया था. अतिरिक्त समय के बाद भी नतीजा था 1-1. पेनाल्टी शूट आउट में आख़िरकार जर्मनी को 4-3 से जीत मिली. क्रिस वैड्ल का शॉट रोक लिया गया था और सारे इंग्लैंड में मातम छा गया था.
आजका मुक़ाबला विश्वकप में दोनों के बीच पांचवां मुक़ाबला था.
रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: ओ सिंह