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'फ़ोन टैपिंग' का मामला बीजेपी संसद में उठाएगी

२४ अप्रैल २०१०

भारत में साप्ताहिक पत्रिका 'आउटलुक' ने दावा किया कि एक इंटेलिजेंस एजेंसी ने कई दिग्गज नेताओं के फ़ोन टैप किए हैं. इन नेताओं में केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह शामिल हैं.

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शरद पवार और प्रकाश करात का फ़ोन टैप करने का दावातस्वीर: UNI

बीजेपी ने कहा है कि वह इस फोन टैपिंग के मामले को संसद में उठाएगी. आउटलुक पत्रिका का दावा है कि नेशनल टेक्निकल रिसर्च ओर्गेनाइज़ेशन (एनटीआरओ) ने जिन नेताओं के फ़ोन टैप किए उनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सीपीएम महासचिव प्रकाश करात भी हैं. एनटीआरओ एजेंसी का गठन कारगिल युद्ध के बाद किया गया था और इसका मक़सद खुफ़िया सूचनाओं को एकत्र करना है.

Nitish Kumar
तस्वीर: UNI

दिग्विजय सिंह और नीतीश कुमार के फ़ोन साल 2007 में कथित रूप से टैप हुए जबकि प्रकाश करात के फ़ोन 2008 में टैप होने का दावा किया गया है. उस दौरान भारत अमेरिका परमाणु क़रार पर सरकार और वाम दलों में ठनी थी. लेकिन शरद पवार का फ़ोन हाल के दिनों में आईपीएल स्कैंडल पर मची उठापठक के बीच टैप होने का दावा किया गया है.

मैगज़ीन के मुताबिक़, "आईपीएल लीग के विवादों में घिरने के बाद शरद पवार और आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के बीच जो बातचीत हुई, उसे टैप किया गया. इस बातचीत में वे सब बातें सामने आई कि टीमों की नीलामी प्रक्रिया के दौरान अंदरखाने क्या चल रहा था."

आउटलुक के संपादक विनोद मेहता का कहना है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को समझते हैं लेकिन वह नहीं समझ पा रहे हैं कि राजनीतिक अवसरवादिता के लिए नेताओं के टेलीफ़ोन क्यों टैप किए जा रहे हैं. विनोद मेहता के मुताबिक़ अत्याधुनिक उपकरणों के ज़रिए टेलीफ़ोन को अब दो किलोमीटर के दायरे में टैप किया जा सकता है और इसके लिए किसी से अनुमति की ज़रूरत नहीं है.

भारतीय जनता पार्टी नेता एसएस अहलूवालिया ने कहा है कि पार्टी इस मुद्दे को सोमवार को संसद में उठाएगी. पार्टी ने इस घटना को संविधान का उल्लंघन बताया है जबकि सीपीआई नेता डी राजा ने कहा है कि भारत एक लोकतंत्र है और यहां कोई सैनिक सरकार नहीं जिसमें आज़ादी पर रोक लगा दी गई हो. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इस मामले पर मचे बवाल को शांत करने का प्रयास करते हुए कहा है कि सरकार को इस पर जवाब देना होगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार