फाइनल: जर्मनी बनाम अर्जेंटीना
१० जुलाई २०१४अर्जेंटीना की धुरी लियोनेल मेसी थे तो दूसरी तरफ आर्यन रॉबेन, रॉबिन फान पेर्सी और वेस्ली स्नाइडर की तिकड़ी थी. मुकाबले से पहले हॉलैंड का पलड़ा भारी बताया जा रहा था. लेकिन वर्ल्ड कप ने एक बार फिर खेल के पंडितों को गलत साबित कर दिया.
आंगेल डी मारिया के बिना कमजोर लग रही अर्जेंटीना की टीम ने हॉलैंड को बांध सा दिया. 120 मिनट तक चले खेल में तीन चार ही ऐसे मौके आए अब गोल का बढ़िया चांस बना. लेकिन दोनों ही टीमें चांस पर डांस नहीं कर सकीं. इसके बाद खेल भाग्य, धैर्य और मानसिक मजबूती के अखाड़े में चला गया. इस बार हॉलैंड के कोच लुईस फान खाल ने गोलकीपर नहीं बदला.
वर्ल्ड कप में अब तक कोई भी टीम लगातार दो बार पेनल्टी शूटआउट में नहीं जीती है. बीते मैच में कोस्टा रिका के खिलाफ पेनल्टी में जीता हॉलैंड इस बात का नया गवाह बना. अर्जेंटीना के गोलकीपर सेर्गियो रोमेरो ने दो बेहतरीन शॉट रोककर अपनी टीम को फाइनल में पहुंचा दिया. वहीं खेल के दौरान बेहतरीन बचाव करने वाले डच गोलकीपर पेनल्टी में गच्चा खा गए. वो एक भी शॉट नहीं रोक पाए और टीम 4-2 से हार गई.
हॉलैंड की इस हार के लिए कोच फान खाल भी जिम्मेदार रहे. स्टार कोच माने जाने वाले फान खाल को शायद अतिआत्मविश्वास भी ले डूबा. उन्होंने अपने बेहतरीन मिडफील्डर वेस्ली स्नाइडर को लियोनेल मेसी के पीछे लगाए रखा. इसकी वजह से रॉबेन और फान पेर्सी को पीछे से बेहतरीन पास ही नहीं मिला, क्योंकि स्नाइडर समेत कुछ और खिलाड़ी तो मेसी में ही व्यस्त रहे. आक्रामक खेल के लिए मशहूर हॉलैंड की ये रणनीति गच्चा खा गई, बाकी काम पेनल्टी ने कर दिया. तीन बार फाइनल हारने वाले हॉलैंड को साओ पाउलो में तीसरी बार सेमीफाइनल में हारना पड़ा.
अब फाइनल में रविवार को जर्मनी अर्जेंटीना से भिड़ेगा. हॉलैंड के स्ट्राइकर आर्यन रॉबेन को लग रहा है कि जीत जर्मनी की होगी. वहीं हॉलैंड को तीसरे स्थान के लिए शनिवार को ब्राजील से भिड़ना होगा.
ओएसजे/एमजी (एएफपी, रॉयटर्स)