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फिर हुई अमेरिकी स्कूल में गोलीबारी

२ अक्टूबर २०१५

कई सारी बंदूकों के साथ एक 26 साल का युवक अमेरिका के ओरेगन प्रांत के कम्यूनिटी कॉलेज में दाखिल हुआ और छात्रों पर गोलियां बरसाना शुरु कर दिया. कम से कम 9 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/L. W. Smith

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हमलावर ने गोलियां चलाने से पहले छात्रों से उनका धर्म पूछा था. हमलावर भी बाद में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया. अमेरिकी मीडिया ने उसकी पहचान क्रिस हार्पर मर्सर के रूप में की है. एक के बाद एक वह कई कमरों में गया और गोलियां बरसाईं.

हमले में सात लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है. एक घायल छात्रा के पिता ने समाचार चैनल सीएनएन से बातचीत में कहा कि हमलावर उस कॉलेज में नहीं पढ़ता था. उसने ईसाई छात्रों को खड़े होने का आदेश दिया और उन पर गोलियां चलाईं.

घटना पर रोष व्यक्त करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ऐसी घटनाओं के मद्देनजर देश में गन कंट्रोल की अपील की. ओबामा ने कांग्रेस को गन कंट्रोल के बारे में कुछ भी ना करने का जिम्मेदार बताया. ओबामा ने अपने संदेश में कहा, "किसी तरह से अब यह सब सामान्य हो गया है...हम इस सब के लिए सुन्न हो गए हैं." ओबामा ने आगे कहा कि अमेरिका दुनिया का एकलौता ऐसा विकसित देश है जहां हर कुछ महीने में ऐसी हिंसक वारदातें होती रहती हैं.

अमेरिका में आम हो चली इन घटनाओं को देखते हुए हाल के सालों में कई जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है. खास कर 2012 के सैंडी हुक हत्याकांड के बाद तो इसके खास इंतजाम किए गए, फिर भी तब से स्कूलों में ऐसी 142 घटनाएं हो चुकी हैं.

अमेरिकी प्रशासन मामले की जांच कर रहा है. उनकी नजर सोशल मीडिया पर हमलावर द्वारा की गई पोस्टिंग्स पर भी है. अनुमान है कि उसने इस वारदात को अंजाम देने के अपने इरादे के बारे में वहां कुछ लिखा हो. कुछ अन्य रिपोर्टों में पुलिस के घटनास्थल से तीन हैंडगन और एक असॉल्ट राइफल के अलावा हमलावर का मोबाइल बरामद करने की बात कही गई है.

आरआर/एसएफ (एएफपी)