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फुटबॉल में सिर फुटव्वल

३१ अक्टूबर २०१३

बुधवार को रूस में फुटबॉल मैच के दौरान दर्शकों की भीड़ आपस में ही गुंथ गई और फिर वहां जबरदस्त तोड़फोड़ और हंगामा हुआ. पुलिस ने इस सिलसिले में 78 लोगों को हिरासत में लिया है.

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तस्वीर: Getty Images/Afp/Str

रूसी कप के लिए शिनिक यारोस्लाव और स्पार्टाक मॉस्को के मुकाबले में हाफटाइम के पहले स्पार्टाक की टीम के समर्थकों ने रोशनी और धुएं वाले बम फेंके . ब्रेक के कुछ ही मिनटों बाद स्थिति और ज्यादा तब बिगड़ गई जब वहां मौजूद दर्शक दंगा निरोधक पुलिस से उलझ गए और सीटें उखाड़ कर उन्हें मैदान में फेंकने लगे. वहां से जो तस्वीरें आई हैं उनमें एक दर्शक नाजी बैनर लिए हुए भी दिख रहा है.

यारोस्लाव इलाके के गृह मंत्रालय के प्रमुख निकोलाई त्रिफोनोव ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने पत्रकारों से कहा, "हम मानते हैं कि यह एक सोची समझी हरकत थी. हमें शिनिक समर्थकों की तरफ से एक भी हरकत की जानकारी नहीं मिली है, भड़काने वाली सारी हरकतें स्पार्टाक के समर्थकों ने की. मैच के बाद हमने 78 लोगों को हिरासत में लिया है." यारोस्लाव की पुलिस ने तोड़फोड़ के आरोप में जांच शुरू कर दी है. अगर इस मामले में आरोपों की पुष्टि हो जाती है तो 3 साल तक के जेल की सजा हो सकती है.

Nazi-Fahnen und Gewalt bei Yaroslavl vs. Spartak
तस्वीर: Getty Images/Afp/Str

मैच के दौरान हंगामा बढ़ने पर 53वें मिनट में रेफरी सर्के कोस्टेविक ने खेल रोका और खिलाड़ियों को ड्रेसिंग रूम में जाने के लिए कहा. इसके बाद पुलिस पानी की तेज बौछार फेंकने वाले ट्रकों को मैदान में ले कर आई और तोड़ फोड़ कर रहे दर्शकों को वहां से भगाने में जुट गई. करीब 20 मिनट के बाद खेल दोबारा शुरू हुआ. खेल में स्पार्टाक शून्य के मुकाबले 1 गोल से जीत गई. यह गोल दमित्री कोमारोव के पेनल्टी के जरिए हुआ.

रूस में खेलों के अनुशासन समिति ने इस मामले पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को अलग से एक बैठक बुलाई है. रूस के खेल मंत्री विताली मुक्तो ने कहा है कि इस मामले में हुई गड़बड़ियों के लिए खेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. अनुशासन समिति की बैठक में इसी बात पर चर्चा होगी.

यूरोस्लाव में हंगामे से कुछ ही घंटे पहले सीएसकेए मॉस्को को चैम्पियंस लीग के अगले मैच के लिए अपने स्टेडियम का कुछ हिस्सा बंद करने को कहा गया. पिछले हफ्ते मैनचेस्टर सिटी और सीएसकेए मॉस्को के मुकाबले के दौरान खिलाड़ियों को दर्शकों की नस्लभेदी गालियां भी सुननी पड़ीं थीं. बीते दिनों में फुटबॉल में हिंसा की कुछ घटनाएं दूसी जगहों पर भी हुई हैं पर राष्ट्रपति पुतिन के लिए इस तरह के मामले माथे पर चिंता की लकीरें खींचने वाले हो सकते हैं. रूस देश के दक्षिण में काकेशस पहाड़ों की तलहटी में बसे सोची में अगले साल के विंटर ओलंपिक की तैयारियों में बड़ी जोर शोर से जुटा है. इसके अलावा 2018 में उसे फुटबॉल के वर्ल्ड कप का भी आयोजन करना है.

एनआर/एमजे (रॉयटर्स)