फुटबॉल वर्ल्ड कप की तैयारियां
धीरे धीरे वक्त नजदीक आता जा रहा है. यूरोपीय देश अपना जलवा दिखाने को तैयार हैं. लेकिन दक्षिण अमेरिकी टीमें भी पीछे नहीं हैं.
इटली
बालोटेली, कासानो और रोस्सी के साथ इटली को लगता है कि वह 2006 का करिश्मा एक बार फिर दोहरा सकता है.
इंग्लैंड
टीम हमेशा चर्चा में रहती है लेकिन इसने सिर्फ एक बार वर्ल्ड कप जीता है. महीने के आखिर में टीम ब्राजील जा रही है और उम्मीदें बहुत हैं.
ऑस्ट्रेलिया
यह टीम ओशियाना की बेहतरीन टीम है लेकिन वर्ल्ड कप में सिर्फ भरती की टीम ही साबित होती है. ब्राजील में टक्कर नीदरलैंड्स, स्पेन और चिली से है.
बेल्जियम
गेंक में 10,000 से ज्यादा लोगों ने उत्साह में भर कर टीम का स्वागत किया. टीम विश्व कप शुरू होने से सिर्फ दो दिन पहले ब्राजील की उड़ान भरेगी.
फ्रांस
करीम बेंजीमा, फ्रांक रिबेरी और रफाएल वाराने, यानी फ्रांस की मजबूत दावेदारी. आठ साल पहले फाइनल मैच गंवाने की टीस अभी भी टीम में है.
उरुग्वे
पिछले विश्व कप में उरुग्वे ने चौंकाने वाले नतीजे दिए थे. इस बार भी फोरलान की टीम से बहुत बड़ी उम्मीदें हैं.
नीदरलैंड्स
लुई फान खाल भले ही विश्व कप के बाद मैनचेस्टर यूनाइटेड के कोच बनें, फिलहाल तो उनके सामने नीदरलैंड्स की राष्ट्रीय टीम को विश्व कप में बेहतर प्रदर्शन कराने की है.
जापान
एशिया की फुटबॉल महाशक्ति के रूप में उभरी जापान की टीम कभी वर्ल्ड कप में बहुत अच्छा नहीं कर पाई है.
जर्मनी
वर्ल्ड कप जीते जर्मनी को 24 साल बीत चुके हैं. इन तमाम सालों में टीम शानदार रही है लेकिन खिताब तक का सफर पूरा ही नहीं हो पाता.
रूस
अगले विश्व कप की मेजबानी करनी है और उससे पहले रूस को ब्राजील विश्व कप में बेहतर प्रदर्शन करना होगा.