"फैसले से संतुष्ट नहीं भोपाल गैस पीड़ित"
१० जून २०१०हालांकि उन्होंने कहा कि इस फैसले के साथ ही सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. वह इस तरह के औद्योगिक त्रासदियों के लिए खास कानून बना सकती है. सुब्रह्मण्यम भारत के बार काउंसिल के भी अध्यक्ष हैं. वह नागपुर में एक कार्यक्रम के सिलसिले में बोल रहे थे.
पत्रकारों से बातचीत के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कानून मंत्री वीरप्पा मोइली एक ऐसा कानून भी बनाने के पक्ष में हैं, जिसके तहत मुआवजे का भुगतान और आपराधिक मामलों को तय करने का काम तेजी से हो सके.
मोइली नए कानून को लेकर बेहद गंभीर हैं और समझा जाता है कि वह जल्द ही इसके प्रस्ताव को कैबिनेट में रखने वाले हैं. इस बीच भारत सरकार ने भोपाल गैस पीड़ितों के रिश्तेदारों और नजदीकी लोगों को राहत और मुआवजा देने के लिए मंत्री समूह को फिर से तैयार कर दिया है. इसकी अगुवाई गृह मंत्री पी चिदंबरम कर रहे हैं.
दिसंबर, 1984 में भोपाल के यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री से गैस लीक हो गई थी, जिसकी वजह से 15000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. हालांकि आधिकारिक आंकड़ा 400 से भी कम का है. सोमवार को अदालत ने इस मामले में सात लोगों को दो दो साल की सजा सुना दी. बाद में उन्हें जमानत भी मिल गई.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः एन रंजन