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बच्चों को स्कूल न भेजें: हुर्रियत

२६ सितम्बर २०१०

भारत प्रशासित कश्मीर में हालात सामान्य बनाने के मकसद से कर्फ्यू हटा लिया गया है और सोमवार से स्कूलों को खोलने का एलान किया गया है. लेकिन अलगाववादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने माता पिता से बच्चों को स्कूल ने भेजने की अपील की.

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तस्वीर: UNI

हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने रविवार को लोगों से कहा कि बच्चों को स्कूल और कॉलेज न भेजें. गिलानी ने कहा, "सही सोच रखने वाला कोई भी आदमी समाज में शिक्षा की अहमियत को नकार नहीं सकता. लेकिन लोग अगर सोचते हैं कि सरकार हमारे बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित है तो यह मूर्खों का ही सपना हो सकता है."

हुर्रियत नेता ने आरोप लगाया कि घाटी में मारे गए ज्यादातर युवक छात्र थे. उन्होंने कहा कि कितने ही छात्र घायल पड़े हैं या स्कूलों में बंद हैं. गिलानी ने कहा कि सोमवार को लोग नागरिक कर्फ्यू लगाएं और छात्र स्कूल कॉलजों में न जाएं.

गिलानी ने शिक्षकों और शिक्षण संस्थाओं के अन्य कर्मचारियों से भी घर पर रहने की अपील की है. कश्मीर में पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से हिंसक प्रदर्शनों को दौर चल रहा है. वहां के हालात का सबसे खराब असर शिक्षा पर हुआ है. इन दिनों लग रहे कर्फ्यू के चलते बच्चों की पढ़ाई एकदम ठप्प पड़ी है.

भारत सरकार ने हालात को सामान्य बनाने के लिए कश्मीर में शांति का आठ सूत्री कार्यक्रम चलाने का प्रस्ताव रखा है. इसके तहत वार्ताकारों का एक दल बनाया जाएगा जो विभिन्न पक्षों से बातचीत करेगा. इसके अलावा हाल के दिनों में पत्थरबाजी के आरोप में गिरफ्तार किए गए युवकों को भी रिहा करने की बात कही है.

लेकिन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने सरकार का यह फॉर्मूला ठुकरा दिया है. उसने इसे आंखों पर पर्दा डालने की कोशिश बताया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा