1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

बर्तन धोने वाले को मशहूर रेस्तरां का सह मालिक बनाया

ओंकार सिंह जनौटी
३ मार्च २०१७

डेनमार्क के एक रेस्तरां में 14 साल तक एक शख्स बर्तन धोने का काम करता रहा, इस बीच रेस्तरां मशहूर और बर्तन धोने वाला बूढ़ा हो गया. ईमानदारी और समर्पण से काम करने वाले उस शख्स को अब रेस्तरां का सह मालिक बनाया गया है.

https://p.dw.com/p/2YYPG
Berlinale 2016 Filmszene - Noma - My Perfect Storm
तस्वीर: Pierre Deschamps

डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन का नोमा, दुनिया के नामी रेस्तराओं में शुमार है. 2003 में जब रेस्तरां शुरू हुआ तो अली सोंको भी वहां काम करने पहुंचे. अली को किचन में बर्तन धोने का काम मिला. समुद्रतट के सामने जबरदस्त खाना परोसने वाला नोमा ऐसा चला कि जल्द ही वह दुनिया के टॉप 50 रेस्तराओं में शुमार हो गया. नोमा को 2010, 2011, 2012  और 2014 में दुनिया के बेहतरीन रेस्तराओं में शुमार किया गया.

लेकिन दिसंबर में रेस्तरां को समुद्र तट छोड़ना पड़ा. अब रेस्तरां एक अर्बन फार्म में खोला गया है. नई लोकेशन के साथ ही रेस्तरां मालिक रेने रेडसेपी ने एक एलान भी किया. रेडसेपी ने कहा, "नोमा में काम करने के दौरान मेरे सबसे अच्छे लम्हों में से एक है" अली को कारोबारी साझेदार बनाना. रेडजेपी ने भावुक अंदाज में कहा कि अली ने 14 साल तक कड़ी मेहनत की. इस दौरान वह हमेशा मुस्कुराते हुए काम करते रहे.

नई लोकेशन पर चल रही पार्टी के दौरान रेजसेपी ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि लोगों को इसका अंदाजा है कि अली जैसे शख्स का साथ होना क्या मायने रखता है." मालिक रेडसेपी को अली में अपने पिता की झलक भी दिखी. रेडसेपी के पिता मेसेडोनिया से डेनमार्क आए थे. डेनमार्क आकर उन्होंने कई साल तक रेस्तरां में बर्तन धोए और परिवार को पाला.

अली सोंको 62 साल के हैं. 34 साल पहले वह अपने देश गाम्बिया को छोड़कर काम काज की तलाश में डेनमार्क आए. डेनमार्क की एक वेबसाइट से बात करते हुए अली सोंको ने कहा, "मैं इजहार भी नहीं कर सकता हूं कि यहां काम करते हुए मुझे कितनी खुशी होती है. वे लोग सबसे अच्छे सहकर्मी हैं और मेरी सबसे अच्छी दोस्ती है. वे मेरी काफी इज्जत करते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं उनसे क्या कहता या मांगता हूं, वे हमेशा मेरे साथ रहते हैं."

Image-Wettbewerb der Köche: Ein Däne ganz vorn
2010 में अली की तस्वीर वाली टीशर्ट पहनकर अवॉर्ड लेती नोमा टीमतस्वीर: picture alliance/dpa

अली सोंको के नाम की चर्चा पहली बार 2010 में हुई. मिशेलिन टू स्टार वाले नोमा रेस्तरां की टीम को तब अवॉर्ड लेने के लिए लंदन बुलाया गया. टीम जब लंदन जाने की तैयारी कर रही थी तो पता चला कि ब्रिटेन ने अली को वीजा देने से इनकार कर दिया है. नोमा की टीम इससे काफी नाराज हुई. उन्होंने अली के तस्वीर वाली टी-शर्ट छपवाई. उस पर अली का नाम भी लिखा था. पूरी टीम वह टीशर्ट पहनकर बेहतरीन रेस्तरां का अवॉर्ड लेने पहुंची.

दो साल बाद 2012 में भी रेस्तरां को अवॉर्ड के लिए बुलाया गया,  इस बार अली को लंदन का वीजा भी मिला और न्योता भी. टीम ने लंदन में अली को आगे किया, उन्होंने पुरस्कार भी लिया और स्पीच भी दी. रेडसेपी ने पूरे समर्पण से काम करने वाले दो अन्य कर्मचारियों को भी पार्टनर बनाया है.

(इंसानियत की मदद करने वाली हस्तियां)