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बल्लेबाजी फुस्स, गुस्सा फील्डिंग पर

१० अगस्त २०१०

'बीमारी दिल की, इलाज घुटनों का' पाकिस्तान की क्रिकेट टीम पर यह जुमला सटीक ढंग से बैठता है. इंग्लैंड से बुरी तरह दो टेस्ट हार चुकी टीम के कप्तान का कहना है कि दिक्कत बल्लेबाजी में नहीं, बल्कि फील्डिंग में है.

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तस्वीर: AP

इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में पाकिस्तान 80 और उसके बाद 72 पर ऑल आउट हो चुका है. खुद कप्तान सलमान बट्ट का बल्ला गहरी नींद में सोया हुआ है. लेकिन वह अब भी तीसरा और चौथा टेस्ट जीतने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. बट्ट का कहना है कि तीसरे टेस्ट से पहले पाकिस्तान को अपनी फील्डिंग में सुधार करना ही होगा.

सोमवार को बट्ट ने कहा, ''खिलाड़ियों को खुद इस बात का एहसास है कि टेस्ट मैच जीतने के लिए 20 विकेट भी लेने होते हैं. लेकिन अगर हम 14 कैच छोड़ देंगे तो मुश्किल जरूर होगी. पेशेवर खिलाड़ी होने के नाते हमें कम से कम इनमें से आधे कैच तो पकड़ने की चाहिए.''

Matt Prior Andrew Strauss
इंग्लैंड ने रौंदातस्वीर: AP

दूसरे टेस्ट में पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने 10 कैच छोड़े. लेकिन फील्डिंग से ज्यादा समस्या टीम की बल्लेबाजी को लेकर है. पहले टेस्ट में टीम 182 और 80 रन पर ढेर हो गई. दूसरे टेस्ट में भी मामला 72 और 296 से आगे नहीं बढ़ा. खुद बल्लेबाज होने के नाते बट्ट अपनी बिरादरी की कमियों से किनारा कर रहे हैं.

पूर्व खिलाड़ियों का कहना है कि पाकिस्तान के गेंदबाज शानदार हैं, लेकिन बल्लेबाज कूड़ा कर दे रहे हैं. मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद आमेर और उमर गुल जैसे प्रतिभाशाली गेंदबाजों की मेहनत तभी काम आएगी जब बल्लेबाज अच्छा स्कोर खड़ा करेंगे, बाकी काम तो यह तिकड़ी कर ही देगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार