बस एक बाजी ड्रॉ और आनंद को मात
२२ नवम्बर २०१३22 साल के कार्लसन को शतरंज के रूसी बादशाह गैरी कास्पारोव हैरी पॉटर जैसा "सुपर टैलेंट" मानते हैं. विश्वनाथन आनंद के साथ चेन्नई में चल रहे करीब करीब एकतरफा मुकाबले में कार्लसन ने तीन गेम जीते और छह ड्रॉ किए. अब वो जीत के लिए जरूरी 6.5 अंकों से महज एक अंक की दूरी पर हैं. वर्तमान समय में शतरंज की रैंकिंग में कार्लसन फिलहाल पहले नंबर पर हैं और आनंद के शहर में उन्होंने आनंद को शिकस्त दी है.
वर्ल्ड चैम्पियन का ताज 2007 से ही विश्वनाथन आनंद के सिर पर है. उन्होंने मान लिया है कि अब तो कोई चमत्कार ही उनकी संभावनाओँ को जिंदा रख सकता है. आनंद ने पत्रकारों से कहा, "मुझे लगातार तीन जीत चाहिए. मैं कोशिश कर सकता हूं लेकिन स्थिति बहुत अच्छी नहीं दिख रही." गुरुवार के चुनौती भरे मुकाबले में बिना कोई नुकसान के निकल जाने के बाद कार्लसन थोड़े राहत में दिखे हालांकि उन्होंने पत्रकारों के इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या खिताब एक तरह से उनकी झोली में आ नहीं गया है. कार्लसन ने कहा, "बहुत मुश्किल गेम था, स्थितियां बहुत जटिल थीं. मुझे संतुलन हासिल करने के लिेए सही चाल ढूंढनी पड़ी. मात होने के डर हर वक्त बना रहा."
ब्रिटिश ग्रैंडमास्टर निकेल शॉर्ट ने गुरुवार का मैच खत्म होने के पहले ही ट्वीट किया है, "युग का अंत" इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि शुक्रवार, "अकेला ऐसा दिन होगा जिस दिन मुझे जल्द ड्रॉ होने से जलन नहीं होगी." कास्पारोव ने भी शुक्रवार का गेम छोटा रहने की भविष्यवाणी की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "मुझे नहीं लगता कि हमें ज्यादा इंतजार करना होगा. कोई भी जल्द ड्रॉ की आलोचना नहीं करेगा." कार्लसन अगर खिताब जीत जाते हैं तो वो कुछ ही हफ्तों से सबसे युवा विश्व विजेता होने के रिकॉर्ड से चूकेंगे जो एक समय में उनके कोच रह चुके कास्पारोव ने 1985 में बनाया था.
शतरंज की ग्रैंडमास्टर और पूर्व ओलंपिक चैम्पियन सूसान पोल्गर ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि कार्लसन का तरीका "एकदम नया" और आक्रामक है जिसने उनके अनुभवी प्रतिद्वंद्वी को झांसा दे दिया है. पोल्गर ने कहा, "चैम्पियनशिप के पहले आठ मुकाबले में उसने आनंद को अपना तरीका अपनाने पर मजबूर किया." कार्लसन ने पिछले तीन साल में शतरंज की दुनिया में अपना लोहा मनवा दिया है. वर्ल्ड चेस फेडरेशन के शीर्ष खिलाड़ियों के बीच उनकी तूती बोल रही है 2870 अंकों के साथ शीर्ष रैंकिंग के दम पर उन्होंने कास्पारोव का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है जो उन्होंने 1999 में बनाया था.
शतरंज से कार्लसन की मुलाकात उनके पिता ने कराई थी. दो साल की उम्र में ही वो कार के सारे बड़े ब्रैंड का नाम जानते थे और नॉर्वे की सारी नगर निगमों के नाम, उनके झंडे और मुख्यालयों के नाम याद कर लिए थे. बड़ी बहन से प्रतिद्वंद्विता ने उनमें शतरंज खेलने की दिलचस्पी जगाई और आठ साल की उम्र मे उन्होंने पहले मुकाबले में हिस्सा लिया. बड़ा करिश्मा तब हुआ जब 13 साल की उम्र में उन्होंने पूर्व विश्व चैम्पियन अनातोली कारपोव को हरा दिया. खाली वक्त में फैशन मॉडलिंग करने वाले कार्लसन 2013 में दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों की टाइम पत्रिका की सूची में शामिल हो चुके हैं. उन्होंने शतरंज का ऑस्कर भी जीता है और रूसी शतरंज पत्रिका 64 उन्हें लगातार चार साल से दुनिया का बेहतरीन खिलाड़ी चुन रही है.
अगस्त में जब वो और उनकी टीम ने चेन्नई का दौरा कर वहां की सुविधाओं का जायजा लिया तब उन्होंने अपने इरादे जता दिए थे. भारत में बीमार पड़ने की आशंका से चिंतित कार्लसन की टीम ने आयोजकों को मजबूर किया कि वो करार में "बीमारी" की शर्त भी जोड़ें. इस शर्त में यह सुविधा है कि बीमार होने की सूरत मे खिलाड़ी दो दिन का ब्रेक ले सकता है. वर्ल्ड चैम्पियनशिप के इनाम के लिए कुल 22.4 लाख डॉलर का फंड है जिसका 60 फीसदी विजेता को और बाकी उपविजेता को मिलता है.
एनआर/एजेए (एएफपी)