1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बस में बलात्कार, जिम्मेदारी किसकी

६ अक्टूबर २०१५

बंगलुरु में बीपीओ में काम करने वाली एक लड़की के साथ देर रात मिनी बस में कथित बलात्कार की घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि इतनी रात को कंपनी ने लड़की को ट्रांसपोर्ट क्यों नहीं मुहैया कराया.

https://p.dw.com/p/1GjGa
तस्वीर: picture-alliance/PIXSELL/Puklavec

23 वर्षीय पीड़िता बंगलुरु में एक बीपीओ में काम करती थी. देर रात वह दफ्तर से घर जाने के लिए मिनी बस में सवार हुई. पुलिस के मुताबिक जिस बीपीओ में लड़की काम करती थी वहां कर्मचारियों के लिए ट्रांसपोर्ट सुविधा नहीं है, लड़की खुद से ही आया जाया करती थी. पीड़िता कुछ महीने पहले ही एक बीपीओ में काम करने के लिए बंगलुरु आई थी.

लड़की ने अपने बयान में कहा है कि वह ऑटो रिक्शा के लिए इंतजार कर रही थी तभी मिनी बस ड्राइवर ने वाहन रोका और उसके सहायक ने उसे मदिवाला तक छोड़ने का प्रस्ताव दिया जहां वह एक पीजी में रहती थी. लड़की का कहना है कि मदिवाला आने पर ड्राइवर ने उसके कहने पर भी गाड़ी नहीं रोकी और ऐसे इलाकों में गाड़ी घुमाता रहा जिन्हें वह नहीं पहचानती है.

लड़की को चाकू की नोंक पर धमकाकर उसके साथ बलात्कार के बाद दोनों उसे बोमंहल्ली बस स्टैंड के पास छोड़ कर भाग खड़े हुए. सोशल मीडिया पर एक बार फिर इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा है. इस घटना की तुलना दिल्ली में 2012 में बस में हुए निर्भया मामले से की जा रही है.

2012 के बाद देश भर में बदलाव की उम्मीद की जा रही थी. महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और यौन हिंसा के मामलों के लिए फास्ट ट्रैक अदालत की व्यवस्था भी की गई.

इसके साथ ही लोग महिलाओं की सुरक्षा पर सोशलमीडिया जैसे सामाजिक मंच पर खुल कर मांग करने लगे हैं. कई ऐसे वीडियो भी सामने आए जिनमें महिलाओं के प्रति रवैये में सुधार पर जोर दिया गया.

पुलिस का कहना है कि उनके पास सीसीटीवी फुटेज है. उससे कुछ सुराग भी मिले हैं जिन पर काम किया जा रहा है.

एसएफ/ओएसजे