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बांग्लादेश करेगा 226 भारतीयों को सम्मानित

१५ दिसम्बर २०१०

मुक्ति युद्ध की 40वीं वर्षगांठ पर बांग्लादेश करीब 500 विदेशी नागरिकों को सम्मानित करेगा. बांग्लादेश की आजादी के संघर्ष में समर्थन देने वालों में 226 भारतीय भी सम्मानित होंगे.

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प्रधानमंत्री शेख हसीनातस्वीर: Mustafiz Mamun

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रेस सचिव अबुल कलाम ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, "कैबिनेट ने विदेशी नागरिकों और संगठनों को मुक्ति युद्ध में असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है." भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बांग्लादेश की आजादी के संघर्ष में जबरदस्त समर्थन के लिए विशेष सम्मान दिया जाएगा.

विदेश मंत्री दीपू मोनी के मुताबिक जिन लोगों को सम्मानित किया जाना है उनके नाम की सूची को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है लेकिन अभी यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि इस लिस्ट में कितने नाम होंगे. कमेटी के एक सदस्य ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि पिछले दो दिन से लगातार बैठक हो रही है जिसमें नाम तय करने की कवायद चल रही है.

Indira Gandhi
इंदिरा गांधी को मिलेगा विशेष सम्मानतस्वीर: AP

कमेटी सदस्य का कहना है कि मुक्ति युद्ध के दौरान भारत ने बांग्लादेश का समर्थन किया लेकिन कई ऐसे पाकिस्तानी भी थे जो पाक सेना के आदेश को न मानते हुए लोगों के पक्ष में आकर खड़े हो गए. लिस्ट में करीब 226 भारतीय, 40 पाकिस्तानी, 8 रूसी, 35 ब्रिटिश, 2 आयरिश, 5 ऑस्ट्रेलियाई, 3 डच, 3 अर्जेंटीनाई, 8 स्विस, 2 जर्मन, 13 फ्रेंच, 3 भूटानी, 13 जापानी, 2 श्रीलंकाई, 15 नेपाली नागरिक हैं.

जिन भारतीयों को सम्मान दिया जाना है उनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अलावा तत्कालीन सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशॉ और पूर्वी मोर्चे पर सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, सितार वादक पंडित रविशंकर, पेंटर एमएफ हुसैन के नाम प्रमुख हैं.

इसके अलावा पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु, पूर्व रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन, कांग्रेस पार्टी के नेता रहे सचिंद्र लाल सिंघ, राजनयिक डीपी धर, पीएन धर, फिल्मकार सत्यजीत रे, गायक मन्ना डे, कलाकार बिष्णु डे और गायक मोहम्मद रफी को भी सम्मानित किया जाएगा. सम्मान के रूप में 50 ग्राम सोना और बांग्लादेश की मानद नागरिकता प्रदान की जाएगी. 26 मार्च 1971 को तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान ने पश्चिम पाकिस्तानी से आजादी की घोषणा कर दी थी.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने विद्रोह को कुचलने के लिए करीब 30 लाख लोगों को मौत के घाट उतार दिया. 9 महीने तक मुक्ति वाहिनी और पाक सेना के बीच गुरिल्ला संघर्ष और फिर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने के बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार

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