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बांग्लादेश में एक और ब्लॉगर की हत्या

१२ मई २०१५

बांग्लादेशी ब्लॉगर अनंत बिजोय दास की दिन दहाड़े बीच सड़क पर छूरा मार कर हत्या कर दी गयी. वे सुबह काम पर जा रहे थे जब चार नकाबपोशों ने उन पर हमला किया.

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Bangladesch Blogger Ananta Bijoy Das wurde ermordet
तस्वीर: Getty Images/AFP

दास बांग्लादेश के पांचवें सबसे बड़े शहर सिलहट के एक बैंक में काम करते थे. पुलिस के अनुसार सुबह 8.30 बजे वे बैंक की ओर जा रहे थे जब उन पर हमला हुआ. पुलिस कमिश्नर कमरुल हसन ने बताया कि जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने उन्हें "डेड ऑन अराइवल" घोषित किया, "उन्होंने (हमलावरों) ने सड़क के अंत तक उनका पीछा किया और फिर पहले उनके सर पर वार किया और उसके बाद पूरे शरीर पर छूरे घोंपे." हसन ने बताया कि इसके बाद हमलावर भीड़ में गुम हो गए. हालांकि हमले की वजह के बारे में उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार किया लेकिन बांग्लादेश के अन्य ब्लॉगरों का कहना है कि दास को नास्तिक होने और कट्टरपंथियों की आलोचना करने की सजा मिली है.

तीन महीनों में तीन हत्याएं

बांग्लादेश वैसे तो धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन वहां की 16 करोड़ आबादी का 90 फीसदी हिस्सा मुस्लिम है. धार्मिक कट्टरपंथ के खिलाफ देश में कई आवाजें उठ रही हैं और इन्हें दबाने के लिए कट्टरपंथियों ने एक सूची जारी की है. दास का नाम भी इसी सूची में शामिल था. उनसे पहले दो और ब्लॉगरों की इसी तरह हत्या की जा चुकी है. बांग्लादेश ब्लॉगर एसोसिएशन के अध्यक्ष इमरान सरकार ने हमले की निंदा करते हुए कहा, "इस हमले ने एक बार फिर हमारे इस डर को पक्का कर दिया है कि बांग्लादेश में अपराध के लिए सजा का भय नहीं है, कोई भी किसी प्रगतिशील फ्री थिंकर का कत्ल कर के गायब हो सकता है."

Bangladesch Blogger Ananta Bijoy Das wurde ermordet
बांग्लादेशी ब्लॉगर अनंत बिजोय दास की दिन दहाड़े बीच सड़क पर छूरा मार कर हत्या कर दी गयी.तस्वीर: Facebook

इमरान सरकार ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि दास नियमित रूप से बांग्लादेशी ब्लॉग मुक्तो मन के लिए लिखते थे. इस ब्लॉग की शुरुआत अमेरिका स्थित बांग्लादेशी ब्लॉगर अविजीत रॉय ने की थी, जिनकी इस साल फरवरी में राजधानी ढाका में हत्या कर दी गयी. हमले में उनकी पत्नी भी बुरी तरह जख्मी हुईं. रॉय की मौत के बाद उनकी पत्नी रफीदा बोन्या इसे चला रही हैं. ब्लॉग विज्ञान और इंसान के क्रमिक विकास की बात करता है और धार्मिक कट्टरपंथ की आलोचना करता है.

इसके अलावा 33 वर्षीय दास जुक्ति नाम की एक पत्रिका के लिए भी लिखते थे. उनके मित्र देबाशीष देबू ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं, "उनके सर पर कई बार वार किया गया, वैसे ही जैसे अविजीत रॉय पर हमला किया गया था." पिछले हफ्ते ही अल कायदा इन द इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) ने रॉय पर हमले की जिम्मेदारी ली थी. मार्च में एक अन्य ब्लॉगर वशीकुर रहमान की भी इसी तरह हत्या की गयी. उस सिलसिले में मदरसे के दो छात्रों की गिरफ्तारी की गयी है. धर्मनिरपेक्ष विचारों के बारे में लिखने वालों के लिए बांग्लादेश एक खतरनाक जगह बनता जा रहा है.

आईबी/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)