बाय बैर्लुस्कोनी
लंबे समय तक इटली के प्रधानमंत्री रहे सिल्वियो बैर्लुस्कोनी सालों तक कर चोरी या भ्रष्टाचार के मुकदमों से बचते रहे. अब सुप्रीम कोर्ट ने एक मुकदमे में अंतिम फैसला सुना दिया है.
चार साल की कैद
सालों की मुकदमेबाजी के बाद बैर्लुस्कोनी के खिलाफ पहला अंतिम फैसला आया. सुप्रीम कोर्ट ने चार साल कैद की सजा की पुष्टि की, हालांकि उन्हें उनकी उम्र के कारण जेल नहीं जाना होगा.
बुंगा बुंगा
कर चोरी के मामलों के विपरीत सेक्स पार्टियां और नाबालिग रूबी के साथ सेक्स बैर्लुस्कोनी के लिए गले की फांस बन गए. रूबी मामले में सात साल जेल की सजा के खिलाफ उन्होंने अपील की है.
सफल राजनीति
स्कैंडलों के वावजूद बैर्लुस्कोनी राजनीति में सफल रहे. उनकी पीपुल्स ऑफ फ्रीडम पार्टी प्रधानमंत्री एनरिको लेटा की सरकार की प्रमुख सहयोगी है. वे खुद सबसे लंबे समय तक देश के प्रधानमंत्री रहे हैं.
विरोध का सामना
उनके समर्थकों जितने ही कट्टर उनके विरोधी भी हैं. महिला संगठन फेमेन की सदस्यों ने संसदीय चुनावों के दौरान प्रदर्शन किया. 2010 में भी उनके खिलाफ फेमेन और वामपंथी पार्टियों का विरोध प्रदर्शन हुआ था.
बेहतर है एक गीत
आत्मविश्वास से भरे बैर्लुस्कोनी अपने गीतों से टेलीविजन के दर्शकों और भौचक्के सरकारी मेहमानों का मनोरंजन करते रहे हैं. उनके प्रशंसकों ने भारी संख्या में उनके गीतों की सीडी खरीदी.
इडियट बॉक्स के बादशाह
अपने राजनीतिक करियर को मीडिया मुगल ने अपने निजी टीवी चैनलों से सहारा दिया. प्रधानमंत्री बनने पर उन्होंने सरकारी चैनल को भी अपने लोगों से भर दिया. वहां वे मेहमान के रूप में दिखते रहे.
गहरा पतन
बैर्लुस्कोनी के एक अखबार ने 2012 में जर्मनी पर आरोप लगाया कि वह इटली को बचत से नष्ट करना चाहता है. छह महीने पहले चांसलर अंगेला मैर्केल ने बैर्लुस्कोनी पर इस्तीफे के लिए दबाव डाला था.
उपहास का पात्र
जर्मनी में बैर्लुस्कोनी कार्निवाल की झांकियों का किरदार बने. डुसेलडॉर्फ में मसखरों ने उन्हें अपना निशाना बनाया. स्कैंडल और माफिया के साथ कथित सहयोग उनकी आलोचना का साधन बना.
परिवार में परेशानी
पत्नी के साथ तलाक ने 2009 में भीषण रूप ले लिया. वेरोनिका लारियो ने बैर्लुस्कोनी पर नाबालिगों के साथ संबंध रखने के आरोप लगाए. उन्हें खर्च चलाने के लिए 3.6 करोड़ यूरो सालाना मिले.
खुद बनाई राह
2001 में दूसरी जीत के बाद बैर्लुस्कोनी अपने लक्ष्य पर थे. वे ठेकेदार से मीडिया मुगल, अरबपति और प्रधानमंत्री बनने में कामयाब रहे. कंपनी उनकी बेटी चलाती है, लेकिन बहुमत शेयर उनके पास है.
सताए जाने का अहसास
बैर्लुस्कोनी को हमेशा 'वामपंथी' अभियोक्ताओं के कथित जुल्म का अहसास रहा है. राजनीतिक पद की वजह से वे करचोरी या भ्रष्टाचार के बहुत से मुकदमों को टालने या रोकने में सफल रहे.
सदाबहार सिल्वियो
बैर्लुस्कोनी जब 1994 में पहली बार प्रधानमंत्री बने तो उनके आज से कम बाल और ज्यादा झुर्रियां थीं.