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बीएचयू: नयी प्रॉक्टर का वादा, छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी

शोभा शमी
२९ सितम्बर २०१७

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में 101 सालों में पहली बार महिला प्रोक्टर की नियुक्ति की गयी हैं. रोयाना सिंह ने पद पर आने के साथ ही मीडिया में जो इंटरव्यू दिये हैं, उनमें कहा कि वह छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करेंगी.

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Indien Banaras Hindu University
तस्वीर: Imago/J. Kruse

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हाल के दिनों में छेड़खानी की घटना के बाद पहली बार महिला चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति की गयी है. ओएन सिंह के इस्तीफे के बाद रोयाना सिंह को प्रॉक्टर के पद पर नियुक्त किया गया है. लड़कियों को महिला प्रोक्टर के आने बाद नयी उम्मीदें बंधी हैं.

इससे पहले, बीएचयू में छेड़खानी की घटना पर वाइस चांसलर ने पीड़िता को ही दोष देते हुए कहा था कि उसे शाम के वक्त बाहर नहीं निकलना चाहिए था. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि लड़कियां इस काबिल नहीं हैं कि उन्हें स्वंतंत्र छोड़ा जा सके.

लेकिन इस मुद्दे पर रोयाना सिंह की राय अलग है. टाइम्स ऑफ इंडिया को दिये इंटरव्यू में रोयाना सिंह ने कहा, "मेरा जन्म यूरोप में हुआ. मैंने ज्यादातर समय यूरोप और कनाडा में ट्रैवल करते हुए बिताया. इस लिहाज से लड़कियों के कपड़ों पर रोक लगाना खुद पर प्रतिबंध लगाने जैसा होगा. आप अपना दिन सुबह 6 बजे शुरू करते हैं और रात 10.30 बजे खत्म करते हैं और इस दौरान अगर आप वह नहीं पहन सकते जो आरामदायक है तो यह इस दौर के लिए शर्मनाक है."

अल्कोहल के सवाल पर उन्होंने कहा, "सभी लड़कियों की उम्र 18 साल से ज्यादा है तो ऐसे में हम उन पर ड्रिंक न करने की रोक क्यों लगाएं? जहां तक मैं जानती हूं कि मेरे मेडिकल हॉस्टल में वेजिटेरियन डाइट तभी मिलती थी, जब ज्यादा संख्या में लड़कियां इसकी मांग करती हैं और वहीं दूसरी लड़कियां विशेष दिनों में ही नॉनवेज खाती हैं." रोयाना सिंह बीएचयू के मेडिकल इंस्टीट्यूट में ही पढ़ाती हैं.

प्रोक्टर के रूप में अपनी नियुक्ति के बाद उन्होंने पीटीआई से कहा, "जब घटना हुई तब मैं यहां नहीं थी. मुझे इस तरह की घटनाएं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस प्रकार का कुछ भी परिसर में ना दोहराया जाए." उन्होंने भरोसा दिलाया है कि उनकी निगरानी में वह विश्वविद्यालय में ऐसी कोई घटना नहीं होने देंगी.

इस बीच, पीटीआई के मुताबिक, बीएचयू के वीसी जीसी त्रिपाठी ने बेहतर सुरक्षा, सीसीटीवी नेटवर्क, विश्वविद्यालय के गेट पर आईडी की उचित जांच, महिला सुरक्षा गार्ड की भर्ती जैसी अन्य मांगों को स्वीकार कर लिया गया है.

रोयाना की प्रारंभिक शिक्षा फ्रांस में हुई, जहां वह पैदा भी हुई थीं. कुछ सालों बाद वह अपने माता-पिता के साथ भारत आ गयी थीं. उनके माता-पिता उत्तर प्रदेश के जौनपुर इलाके से ताल्लुक रखते हैं. रोयाना सिंह के माता और पिता दोनों ही बीएचयू में प्रोफेसर रहे हैं.