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बीसीसीआई पर भारी पड़े मोदी, कार्रवाई पर स्टे

२५ दिसम्बर २०१०

लंबे वक्त बाद आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को राहत मिली. बॉम्बे हाईकोर्ट ने मोदी के खिलाफ बीसीसीआई की अनुशासन समिति की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. अब अनुशासन समिति की योग्यता ही सवालों में.

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तस्वीर: AP

राम जेठमलानी जैसे दिग्गज वकील ने आखिरकार ललित मोदी का राहत दिलवा ही दी. अपने मुवक्किल मोदी का बचाव करते हुए जेठमलानी ने अदालत से कहा कि बीसीसीआई ने अमान्य ढंग से अनुशासन समिति बनाई है. उन्होंने कहा कि बीसीसीआई के नियमों के मुताबिक अनुशासन समिति एक ही बार बनाई जा सकती है. अनुशासन समिति के लिए नियुक्ति बोर्ड की वार्षिक आम बैठक में होती है.

बोर्ड अध्यक्ष शंशाक मनोहर और सचिव श्रीनिवासन को लपेटते हुए मोदी पक्ष ने कहा कि सितंबर में जब वार्षिक आम बैठक हुई तो बोर्ड ने कोई अनुशासन समिति नियुक्त नहीं की. यानी बिना वार्षिक आम बैठक के बनाई गई अनुशासन समिति अयोग्य है और अयोग्य समिति जांच और अन्य कार्रवाई कैसे कर सकती है. अदालत ने इस तर्क को माना और कहा कि पहली नजर में देखने से ही पता चलता है कि ऐसी कार्रवाई को रोक देना चाहिए.

अदालत ने इस तर्क को माना और मोदी को राहत दे दी. कोर्ट के फैसले से अब बीसीसीआई खुद की फंस गई है. बोर्ड के पास इस बात का जवाब नहीं है कि उसने इस ढंग से क्यों अनुशासन समिति बनाई. बोर्ड के आगे कार्यक्रमों पर भी अदालत के इस फैसले का असर पड़ेगा. अनुशासन समिति की 27 और 28 दिसंबर को दिल्ली में बैठक होनी थी. लेकिन हाईकोर्ट के स्टे के बाद बीसीसीआई को बैठक टालनी पड़ेगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़