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बुंडेसलीगाः कहीं फीका, कहीं उजला

३० जुलाई २०१०

जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा के खेल शुरू हो चुके हैं. नतीजे आ रहे हैं, लेकिन फ़िलहाल सबकी नज़र खिलाड़ियों के ट्रांसफ़र पर है. हो सकता है कि निराश करने वाले कुछ नतीजों के बाद कोच बदलने का दौर शुरू हो जाए.

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नए कोच मागाथ के साथ राउलतस्वीर: AP

चहक रहे हैं बायर्न म्युनिख के कोच लुईस फ़ान गाल. पिछले सत्र में उन्होंने क्लब को बुंडेसलीगा चैंपियन बनाया, फ़ुटबॉल संघ का कप दिलाया, यूरोपीय चैंपियंस लीग के फ़ाइनल तक पहुंचाया. इस साल यह सिलसिला कायम रखने का इरादा है. नए खिलाड़ी? कोई ज़रूरत नहीं है, पूरे आत्मविश्वास के साथ वे कहते हैं. स्ट्राइकर तो कतई नहीं. वे कहते हैं कि उनके पास चार स्ट्राइकर हैं, यानी ज़रूरत से दो ज़्यादा. बल्कि वे कहते हैं कि वे एक स्ट्राइकर किसी दूसरे क्लब को देने के लिए भी तैयार हैं. और इसलिए उधार दिए गए चार खिलाड़ी वापस आ रहे हैं, लेकिन म्युनिख के मैनेजर अपना मनीबैग लेकर खरीदारी के लिए नहीं निकले हैं. उधार दिए गए लुका टोनी वापसी के बदले इटली के जेनुआ क्लब जा रहे हैं.

Symbolbild Streitigkeit Van Gaal und Luca Toni
कोई बात नहीं - लुका टोनी और म्युनिख कोच फ़ान गालतस्वीर: picture-alliance/dpa

शाल्के का प्रदर्शन पिछले साल बहुत ही अच्छा रहा. क्लब चैंपियन बनते बनते रह गया. और इस बार सबसे चर्चित ट्रांसफ़र की ख़बर इसी क्लब से आई है. स्पेन के गोलबाज़ राउल आ रहे हैं, और उसी के साथ उन्हीं के क्लब रियाल मैड्रिड से क्रिस्टोफ़ मेत्सेलडर भी. तीन साल तक दोनों रियाल मैड्रिड में साथ साथ खेलते रहे. क्रिस्टोफ़ कहते हैं कि कोई ये न समझे कि पेशेवर फ़ुटबॉल से विदा लेने से पहले राउल आराम से खेलना चाहते हैं. वे दौड़ने में बेहद माहिर हैं और विपक्ष के गोलपोस्ट के सामने खूंखार बन जाते हैं. वे हमेशा जीतना चाहते हैं, लेकिन बहुत ही विनम्र हैं. हां, मेत्सेलडर भी मानते हैं कि नए माहौल से तालमेल बैठाने में राउल को थोड़ा वक्त लगेगा. जर्मनी में फ़ुटबॉल की दुनिया स्पेन से कुछ अलग है.

Deutschland Fussball Michael Ballack Bayer Leverkusen
बालाक - नई चुनौतियांतस्वीर: picture-alliance/dpa

सुर्ख़ियों में है बायर लेवरकूज़ेन भी. टीम का खेल तो अच्छा रहता है, लेकिन पता नहीं क्यों चैंपियनशिप से दूरी बनी रहती है. इस बार मिशाएल बलाक टीम में हैं, चेल्सी में उनका कांट्रैक्ट जारी नहीं रखा गया. बलाक के पिछले महीने आसान नहीं रहे हैं. चोट की वजह से वे विश्वकप से बाहर रहे, राष्ट्रीय टीम की कप्तानी फ़िलिप लाम को देनी पड़ी, और वे अब कप्तानी नहीं छोड़ना चाहते हैं. बुंडेसलीगा में अपनी वापसी के बाद वे कुछ कर दिखाना चाहेंगे. कम से कम फ़ुटबॉल प्रेमियों की यही उम्मीद है. टीम को टोनी क्रोस उधार में मिले थे, इस सत्र में वे म्युनिख लौट गए हैं.

बाकी सब ठीक ठाक है. जर्मनी के कई नौजवान खिलाड़ियों पर विदेशी क्लबों की नज़र है. अभी तक कोई ख़बर नहीं आई है. लेकिन आ सकती है.

रिपोर्टः उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादनः ए जमाल