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बेनजीर हत्याकांड में पुलिसवालों पर वारंट

५ दिसम्बर २०१०

पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में अदालत ने दो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी किया है. दोनों अधिकारियों पर आरोप है कि बेनजीर को सुरक्षा देने में कोताही बरती गई.

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तस्वीर: AP

अभियोजन पक्ष के वकील जुल्फिकार अली ने बताया कि रावलपिंडी पुलिस प्रमुख सऊद अजीज और पुलिस अधीक्षक खुर्रम शहजाद के नाम वारंट जारी हुए हैं. दोनों अधिकारियों को किसी भी वक्त गिरफ्तार किया जा सकता है. अजीज और शहजाद पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराई जबकि उन्हीं पर यह जिम्मेदारी थी कि बेनजीर को सुरक्षा दी जाए.

Jahresrückblick 2007 Oktober Pakistan Bhutto kehrt zurück
तस्वीर: AP

भुट्टो की हत्या के बाद घटनास्थल को पानी से पूरी तरह धोकर साफ कर दिया गया, जिससे कई अहम सबूत मिटने के भी आरोप लगे. अब दोनों अधिकारियों को इस बात की भी सफाई देनी है कि घटनास्थल तुरंत साफ करने का फैसला क्यों लिया गया.

पाकिस्तान से कई साल तक बाहर रहने के बाद बेनजीर भुट्टो 2007 में पाकिस्तान लौटीं और उनकी जान को खतरा बताया जा रहा था. बेनजीर के पाकिस्तान पहुंचने के दिन ही अक्तूबर, 2007 में उन पर कातिलाना हमला हुआ जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. हालांकि बेनजीर उस हमले में बाल बाल बच गई थीं. इसके चलते ही उनकी जान को खतरे की आशंका जताई जा रही थी.

इसके बाद दिसंबर, 2007 में रावलपिंडी में रैली के दौरान आत्मघाती हमले में बेनजीर भुट्टो की मौत हो गई. संयुक्त राष्ट्र कमीशन ने इस साल अप्रैल महीने में बेनजीर हत्याकांड पर अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि बेनजीर की हत्या को टाला जा सकता था.

यूएन कमीशन के मुताबिक बेनजीर को पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था मुहैया नहीं कराई गई और इसके लिए सरकारी तंत्र हर स्तर पर जिम्मेदार है. संयुक्त राष्ट्र कमीशन का कहना है कि कई बार उनके काम में रूकावट भी डाली गई.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

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