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बेल बजाओ कैंपेन को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

३० जून २०१०

भारत के बेल बजाओ मुहिम को मिला कान सिलवर लायन पुरस्कार. बेल बजाओ कैंपेन देश में घरेलू हिंसा के खिलाफ लघु फिल्में बनाता है जो लोगों के बीच जागरूकता फैलातीं है.

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तस्वीर: picture-alliance / Lehtikuva

ब्रेकथ्रू नाम के मानवाधिकार संगठन ने घरेलू हिंसा के खिलाफ बेल बजाओ कैंपेन शुरू किया. इसके अंतर्गत घरेलू हिंसा से संबंधित सच्ची कहानियां दिखाई गईं. इनमें अभिनेता बमन इरानी भी शामिल हैं. फिल्मों का खर्च उठाने की जिम्मेदारी महिला और बाल विकास मंत्रालय ली है.

ब्रेकथ्रू की मल्लिका दत्त का कहना है,"सिल्वर लायन के ज़रिए हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक आवाज मिली है. हम इसके जरिए महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर रोशनी डाल सकते हैं. हम पुरुषों और लड़कों से कह सकते हैं कि इस लड़ाई में वे हमारा साथ दें."

फिल्मों को बनाने का जिम्मा संभाला है प्रचार कंपनी ओजिल्वी एंड मैथर ने. इसके निर्देशक बौद्धायन मुखर्जी हैं. ओजिल्वी एंड मैथर से जुड़ी जेनोबिया पीथावाला कहती हैं कि पुरस्कार से सम्मानित होने की बात और भी अच्छी इसलिए हो जाती है क्योंकि फिल्म बनाते हुए किसी ने भी ईनाम के बारे में नहीं सोचा था. सबको विश्वास था कि इन फिल्मों से घरेलू हिंसा को खत्म किया जा सकेगा.

सूचना और संचार जगत में कान प्रचार महोत्सव दुनिया का सबसे अहम मंच माना जाता है.

रिपोर्टः पीटीआई/एम गोपालकृष्णन

संपादनः एन रंजन