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बैंकाक में हिंसक प्रदर्शन, नौ लोगों की मौत

१० अप्रैल २०१०

थाइलैंड में सुरक्षाबलों और विपक्षी प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में कम से कम 9 लोग मारे गए हैं और 500 से अधिक घायल हो गए हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करने वाला एक जापानी कैमरामैन भी मारा गया है.

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थकसिन के समर्थकतस्वीर: AP

बैंकाक की उप गवर्नर मालिनी सुकवेचावोराकित ने घोषणा की - 9 लोग मरे, चार जवान, चार सिविलियन और एक पत्रकार. एक महीना पहले विपक्षी प्रदर्शनों की शुरुआत के बाद पहली बार सेना ने आज प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां दागी, आंसू गैस और पानी की बैछारें छोड़ी. अब तक के सबसे बड़े टकराव में प्रदर्शनकारियों सेना के जवानों पर पेट्रोल बम फेंका.

प्रदर्शनकारियों का केंद्र फान फाह पुल का इलाका था. लेकिन सैकड़ों रेड शर्ट प्रदर्शनकारी दो उत्तरी ज़िलों में जबरन सरकारी धफ़्तरों में घुस गए. इसके बाद प्रधानमंत्री अभिसित वेज्जाजीवा की सरकार के ख़िलाफ़ व्यापक विद्रोह की आशंका बढ़ गई है. प्रदर्शनकारियों का रुख बैंकाक और आसपास के इलाकों में आपात स्थिति लगाए जाने के बाद और सख्त होता जा रहा है.

आज प्रदर्शनकारियों के नेता वीरा मूसिकापोंग ने रेड शर्ट प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, हम 15 दिन में संसद को भंग करने की अपनी मांग संसद को तुरंत भंग करने में बदल रहे हैं. और हम अभिसित से देश तुंरत छोड़ने की मांग कर रहे हैं.

सेना ने प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए दो अभियान चलाए. जिसके बाद तनाव और बढ़ गया. विरोध प्रदर्शन के दौरान पहली बार एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है. बैंकाक में जनरल अस्पताल के निदेशक ने यह जानकारी दी. इसके बाद सेना ने अपने जवानों को वापस लौटने के आदेश दिए हैं.

सेना के प्रवक्ता कर्नल सनसैर्न केवकामनैर्ड ने राष्ट्रीय टेलिविज़न पर इसकी जानकारी देते हुए प्रदर्शनकारियों से भी वापस लौटने की अपील की. सनसैर्न ने कहा कि एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी को शांति की वापसी के लिए प्रदर्शनकारियों के साथ समन्वय करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी शनिवार को असली बुलेट और ग्रेनेड का इस्तेमाल कर रहे थे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: एम गोपालकृष्णन