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ब्रिक्स सम्मेलन में हुआ '52 लाख का घोटाला'

१९ अक्टूबर २०१६

गोवा के राज्य मानवाधिकार आयोग ने हालिया ब्रिक्स सम्मेलन में 52 लाख रुपये का घोटाला होने की बात कही है. आयोग का कहना है कि सम्मेलन के दौरान तैनात सुरक्षाकर्मियों को घटिया खाना दिया गया.

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Indien Brics-Treffen in Benaulim
तस्वीर: Reuters/D. Siddiqui

आयोग ने इस मामले में जांच का आदेश दिया है और कॉन्ट्रैक्टर को भुगतान रोक दिया है. दो सदस्यों वाले आयोग ने कहा, "पहली नजर में तो ये लगता है कि 51.60 लाख रुपये का घोटाला हुआ है. गोवा में 2016 ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान तैनात पुलिसकर्मियों को घटिया और सड़ा हुआ खाना दिया गया."

आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट जज एडी सालकर ने एक सामाजिक कार्यकर्ता एरिस रोड्रिगेज की याचिका पर सुनवाई करते हुए घोटाला होने की बात कही है. रोड्रिगेज का कहना है कि भारत में जब दुनिया की पांच उभरती हुईं अर्थव्यवस्थाओं का इतना बड़ा सम्मेलन हो रहा है तो उसमें सुरक्षाकर्मियों को घटिया खाना देना 'एक अमानवीय व्यवहार' है.

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गोवा राज्य मानवाधिकार आयोग ने कहा, "ये बताया गया है कि बचे हुए लंच के पैकेट डिनर और फिर अगले दिन लंच में दिए गए. ज्यादातर पुलिसवालों ने उन्हें खाने से इनकार कर दिया. वो बासी थे और उनमें से बदबू आ रही थी."

पुलिस विभाग की तरफ से पेश प्रतिनिधि इंस्पेक्टर अनुष्का ए पाई बीर ने आयोग को बताया कि गोवा सरकार ने 14 से 17 अक्टूबर के दौरान सम्मेलन के लिए पांच हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया और उनके खाने और जलपान पर 51.60 लाख रुपये खर्च किए हैं. आयोग ने मुख्य सचिव को पूरी जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. आयोग ने जांच पूरी होने तक कॉन्ट्रैक्टर के भुगतान पर भी रोक लगा दी है. गोवा में पिछले दिनों हुए ब्रिक्स सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं ने हिस्सा लिया.

एके/वीके (पीटीआई)

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