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ब्रिटेन की वीजा कैप से भारत नाराज

२६ नवम्बर २०१०

ब्रिटेन के अपने यहां आने वाले कामगारों की संख्या घटाने के फैसले पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उसने कहा है कि इस तरह के कदम दोनों देशों की आर्थिक साझीदारी को प्रभावित कर सकते हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/chromorange

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने गुरुवार को ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री एंड्रयू मिचेल से मुलाकात की और अपनी नाराजगी जाहिर की. दिल्ली में हुई इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने आपसी आर्थिक सहयोग बढ़ाने के मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान वीजा से जुड़े मसलों पर भी विचार विमर्श किया गया.

ब्रिटेन की सरकार ने नए नियम के तहत तय किया है कि अगले साल अप्रैल के बाद यूरोपीय संघ के बाहर के देशों से आने वाले कुशल कामगारों की संख्या घटाई जाएगी. अब सालाना 21,700 कुशल कामगारों को ही वीजा दिया जाएगा. यह फैसला भारत को काफी प्रभावित कर सकता है क्योंकि वहां से काफी संख्या में कामगार ब्रिटेन जाते हैं.

भारत सरकार की ओर से जारी एक बयान में भारत की प्रतिक्रिया की जानकारी दी गई है. बयान के मुताबिक, "आनंद शर्मा ने मिचेल को बताया कि बड़ी संख्या में भारतीय कंपनियां ब्रिटेन को अपने व्यापार के लिए बेस बनाने के बारे में सोच रही हैं. ऐसे में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने से दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापारिक और आर्थिक संबंध प्रभावित होंगे."

2010-2011 में अप्रैल से जुलाई के दौरान भारत ने ब्रिटेन को 1.95 अरब डॉलर का निर्यात किया. सालाना हिसाब से यह 1.2 फीसदी ज्यादा है. इसी दौरान भारत का ब्रिटेन से आयात 1.4 अरब डॉलर का रहा. 2009-2010 में दोनों देशों के बीच 10.68 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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