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ब्रिटेन में 1400 का यौन उत्पीड़न

२८ अगस्त २०१४

इंग्लैंड में अधिकारियों की सामूहिक नाकामी की वजह से 16 साल के अंतराल में 11 वर्ष और ज्यादा उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार और तस्करी जैसे अपराध हुए. यह बात एक रिपोर्ट में सामने आई है.

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तस्वीर: Shaun Curry/AFP/Getty Images

स्वतंत्र रिपोर्ट में कहा गया है कि इन घटनाओं के बारे में तब पता चला, जब कुछ लोगों को यौन उत्पीड़न के मामले में सजा सुनाई गई.

रिपोर्ट तैयार करने वाली एलिक्स जे का कहना है कि ये अपराध 1997 और 2013 के बीच रॉटरम शहर में हुए, जहां करीब ढाई लाख लोग रहते हैं.

इन घटनाओं का विस्तार बताते हुए कहा गया कि यह समझना मुश्किल है कि लंबे वक्त तक इस बारे में कुछ क्यों नहीं किया गया. इसमें बलात्कार के कई मामलों का जिक्र है, जो पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश लोगों द्वारा किए गए. रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह बच्चों को अगवा किया गया, उन्हें बुरी तरह पीटा गया, उनका यौन उत्पीड़न हुआ और उन्हें बेच भी दिया गया.

Sturmgewehr G36 von Heckler & Koch
सुरक्षाबलों को नहीं हुआ संदेहतस्वीर: picture-alliance/dpa

एलिक्स जे ने कहा, "ऐसी मिसालें हैं कि बच्चों को पेट्रोल में डुबाया गया और उन्हें आग लगा देने की धमकी दी गई. उन्हें बंदूक से धमकाया गया, कई बार बेहद हिंसक टेप दिखाए गए और कहा गया कि अगर उन्होंने कहना नहीं माना तो अगला नंबर उनका हो सकता है." उन्होंने कहा कि 11 साल की उम्र तक की लड़कियों को इस तरह के अपराधों में धंसाया गया. उन्होंने कहा कि पीड़ित बच्चों की पहचान नहीं बताई जा सकती है लेकिन आम तौर पर उनकी उम्र 11 से 16 साल के बीच थी. इनमें से ज्यादातर लड़कियां थीं.

पहले कहा गया था कि आम तौर पर "श्वेत ब्रिटिश लड़कियों" को निशाना बनाने की बात आई थी लेकिन बाद में पता चला कि पाकिस्तानी, कश्मीरी और खानाबदोश समुदाय के लोगों को भी निशाना बनाया गया है. इस बारे में पहली बार 2010 में तब पता चला, जब रॉटरम शहर में पांच लोगों को किशोर लड़कियों के उत्पीड़न के आरोप में सजा दी गई. इसके बाद सेक्स से जुड़े दूसरे मामले भी सामने आए.

रॉटरम ने इस मामले में औपचारिक जांच का फैसला किया और पूर्व सामाजिक कार्यकर्ता जे को भी इसमें शामिल किया गया. जे का कहना है कि उन्हें जो पता चला, उससे वे सदमे में हैं, "राजनीतिक और आधिकारिक नेतृत्व बुरी तरह फेल हो गया. इस बात के शुरू से ही संकेत थे कि रॉटरम में बच्चों के यौन उत्पीड़न के गंभीर मामले हैं."

बाद में इन मामलों का खुलासा होने के बाद पूरे ब्रिटेन में लोगों की नाराजगी सामने आई. आम तौर पर ब्रिटेन अपनी बहुसांस्कृतिक समाज की वजह से राजनीतिक तौर पर किसी का पक्ष नहीं लेता. लेकिन इस मामले के सामने आने के बाद बच्चों के खिलाफ क्रूरता से बचाव की राष्ट्रीय सोसाइटी के प्रमुख जॉन कैमरन ने कहा, "सांस्कृतिक संवेदनशीलता किसी भी तरह बच्चों की सुरक्षा के आड़े नहीं आनी चाहिए. इस बात की कल्पना भी नहीं की जा सकती कि इन पीड़ितों और उनके परिवार वालों को कितना नुकसान पहुंचा है."

प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के दफ्तर ने बयान जारी किया कि जिन लोगों ने बच्चों के साथ ऐसा सलूक किया है, उनके साथ इंसाफ किया जाना चाहिए.

एजेए/एमजे (एपी)