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ब्रेन सर्जरी में मरीज ने बजाया वायलिन

१२ सितम्बर २०१४

एक इस्राएली महिला ने अपनी दिमाग की सर्जरी के दौरान खुद वायलिन बजाया. इसके लिए उन्हें डॉक्टर ने कहा था ताकि दिमाग में हलचल से पता चल सके कि इलेक्ट्रोड ठीक फिट हुआ है या नहीं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

नाओमी एलिशुव को अपना संगीत करियर 20 साल पहले बीच में ही छोड़ना पड़ा क्योंकि उन्हें अक्सर कंपकपी आती थी. तेल अवीव के सोरास्की मेडिकल सेंटर में न्यूरोसर्जरी विभाग के निदेशक डॉक्टर यित्जाक फ्राइड ने बताया कि सर्जरी के समय एलिशुव पूरी तरह जगी हुई थीं ताकि यह पता लगाया जा सके कि इलेक्ट्रोड को किस जगह लगाना है.

उन्होंने बताया, "इन्हें बिल्कुल ठीक मिलीमीटर्स पर लगाया जाना जरूरी है. एलिशुव से उस समय वायलिन बजाने के लिए इसलिए कहा गया ताकि दिगाम में पैदा होने वाली हलचल और इलेक्ट्रोड को साथ मिलाकर बिना किसी विपरीत असर के कंपन को रोका जा सके."

डॉक्टर फ्राइड ने बताया कि यह पहली बार है जब उन्होंने किसी वाद्य यंत्र बजाते हुए मरीज की सर्जरी की. एलिशुव इस समय 60 साल की हैं. उन्होंने कहा, "यह अफसोस की बात है कि मुझे सर्जरी के बारे में अभी पता चला. आखिरकार अब मैं अपनी जिंदगी में वापस लौट रही हूं."

ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए दिमाग में छोटा सा छेद किया गया. इसके जरिए इलेक्ट्रोड को अंदर डाला गया. डॉक्टर फ्राइड ने बताया कि उन्होंने दिमाग में हरकत पैदा की और एलिशुव से पूछा कि क्या उनको कोई अंतर पता चल रहा है. सर्जरी के दौरान ही डॉक्टरों ने पाया कि कंपन रुक गई और एलिशुव आगे भी वायलिन बजाती रहीं.

एलिशुव ने बताया कि वायलिन बजाना उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना है. उन्होंने कहा, "मैं बता नहीं सकती मैं कितनी बेसब्री से उस घड़ी का इंतजार कर रही हूं जब मैं सामान्य जीवन में लौटूंगी. मैं वायलिन बजाना चाहती हूं, अपने हस्ताक्षर करना चाहती हूं और बगैर छलकाए चाय पीना चाहती हूं."

एसएफ/आईबी (डीपीए)