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ब्लाटर भी चाहते हैं गोललाईन तकनीक

२९ जून २०१०

विश्वकप फ़ुटबॉल में रेफ़रियों की ग़लती रंग ला रही है. अब फ़िफ़ा के अध्यक्ष योज़ेफ़ ब्लाटर को भी अपना रुख़ बदलते हुए ग़लतियों के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी है.

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फ़िफ़ा अध्यक्ष योज़ेफ़ ब्लाटरतस्वीर: AP

अब तक वे फ़ुटबॉल मैदान में तकनीक के प्रयोग के ज़बरदस्त विरोधी थे. मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वकप के अब तक के अनुभव को देखते हुए गोललाईन तकनीक पर फिर से न सोचना बेवकूफ़ी होगी.

जर्मनी को क्वार्टर फ़ाइनल में अर्जेंटीना से भिड़ना है. एक कड़ा मुक़ाबला, लेकिन जर्मन फ़ैन्स को ढाढ़स मिली है एक ऑक्टोपस की भविष्यवाणी से. जर्मनी के ओबरहाउसेन नगर का इस ऑक्टोपस की चाल की व्याख्या करते हुए ऐकु्अरियम का मालिक बताता है कि अगले खेल में क्या नतीजा होगा. अब तक चार खेलों में हर बार उसका नतीजा ठीक आया है. उसने कहा था कि आस्ट्रेलिया, घाना और इंगलैंड के ख़िलाफ़ जर्मनी की जीत होगी. उसने यह भी कहा था कि सर्बिया से उसे मात खानी पड़ेगी. इस बार उसका कहना है कि कठिन मुकाबला है, लेकिन आख़िरकार जर्मनी जीत जाएगा. वैसे बता दिया जाए, मिक जैगर के समर्थन के बावजूद कल ब्राज़ील जीत गया. इससे पहले वह अमेरिका और फिर इंग्लैंड का समर्थन कर रहा था. दोनों हारकर विश्वकप से निकल गए. ब्राज़ील की किस्मत कल बेहतर रही. यानी ब्राज़ील के अगले मैच में भी मिक जैगर मैदान में रहेगा.

रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादन: प्रिया एस्सेलबोर्न