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भज्जी ने तेज गेंदबाजों को कोसा

७ जनवरी २०११

केपटाउन टेस्ट ड्रॉ खत्म हुआ. भारतीय गेंदबाज हरभजन सिंह को लगता है कि यह मैच उनके हाथों से फिसल गया और अगर टीम के तेज गेंदबाज बेहतर प्रदर्शन करते तो मैच जीता जा सकता था.

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तस्वीर: APImages

पहली पारी में सिर्फ दो रन से पिछड़ने के बाद दूसरी पारी में दक्षिण अफ्रीका का स्कोर एक वक्त पर पांच विकेट पर 98 रन था. तब भारत की स्थिति काफी मजबूत लग रही थी. लेकिन जैक कालिस की बेहतरीन पारी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका भारत के सामने 340 रन का लक्ष्य खड़ा करने में कामयाब हो गया.

स्पिनर हरभजन सिंह को लगता है कि हालात तेज गेंदबाजों के पक्ष में थे लेकिन वे इसका फायदा नहीं उठा पाए. भज्जी ने दूसरी पारी में सात विकेट लिए, जबकि तेज गेंदबाजों ने सिर्फ दो विकेट लिए. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि योजना क्या थी लेकिन मुझे लगता है कि और ज्यादा मौके बनाए जा सकते थे. हमने सही लेंथ पर गेंदबाजी नहीं की. मैं आलोचना नहीं कर रहा हूं लेकिन मेरी ईमानदार राय यही है कि तेज गेंदबाज कुछ ज्यादा विकेट ले सकते थे. विकेट में तेजी थी और उनके तेज गेंदबाजों ने खूब विकेट लिए."

अपने प्रदर्शन से हरभजन पूरी तरह संतुष्ट नजर आए. उन्हें लगता है कि उन्होंने अपने आलोचकों को जवाब दे दिया है. उन्होंने कहा, "मैं खुश हूं कि मुझे विकेट मिले, लेकिन मैं खुश नहीं हूं कि कालिस ने सेंचुरी बनाई. एक वक्त था जब हम 130 रन पर छह विकेट गिराकर अच्छी स्थिति में थे. लेकिन वहां से उन्होंने बढ़िया बैटिंग की. हमने वैसी गेंदबाजी नहीं की जैसी करनी चाहिए थी."

अपनी आलोचना के बारे में भज्जी कहते हैं कि टीम की जीत में उन्होंने भरपूर योगदान दिया है. उन्होंने कहा, "बहुत सारे लोग बहुत कुछ लिख रहे हैं. लेकिन मुझे लगता है कि मैं टीम की जीत में योगदान दे रहा हूं. जिस तरह मैंने गेंदबाजी की, उससे मैं खुश हूं. डेल स्टेन ने सबसे ज्यादा विकेट लिए, लेकिन भारत के लिए मैंने सबसे ज्यादा विकेट लिए."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए जमाल

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