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भारतीयों को सज़ा पर अपील संभव: यूएई

५ अप्रैल २०१०

शारजाह में 17 भारतीयों तो मौत की सज़ा सुनाए जाने के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कहा है कि वहां की क़ानूनी व्यवस्था पारदर्शी न्यायिक प्रक्रिया की गारंटी देती है और फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील हो सकती है.

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तस्वीर: Trikont

यूएई के मुताबिक़ मौत की सज़ा के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील हो सकती है और उसे अमान्य भी क़रार दिया जा सकता है. दिल्ली में यूएई दूतावास ने एक बयान में कहा है कि शारजाह में 17 भारतीयों को सज़ा सुनाए जाने के मामले में मीडिया में छपी रिपोर्टों पर नज़र रखी जा रही है. "यूएई की न्यायिक व्यवस्था में मौत की सज़ा के ख़िलाफ़ अपील की जा सकती है और क़ानून उसे रद्द भी कर सकता है."

यूएई का कहना है कि उसे अपनी न्यायिक व्यवस्था पर पूरा विश्वास है और निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि मुक़दमे के दौरान आरोपियों को अपना पक्ष रखने का भी पूरा मौक़ा दिया जाता है. यूएई की ओर से जारी बयान के मुताबिक़ अगर आरोपी अपने लिए वकील रखने में असमर्थ होते हैं तो उन्हें मुक़दमे के लिए वकील मुहैया कराया जाता है.

29 मार्च को शारजाह की शरिया अदालत में 17 भारतीयों को मौत की सज़ा सुनाई गई थी. उन पर एक पाकिस्तानी नागरिक की हत्या करने और तीन लोगों को हमले में घायल करने का आरोप था. यह घटना पिछले साल की है.

भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने भारतीयों को सज़ा सुनाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण क़रार दिया था और विदेश मंत्रालय को कहा है कि इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करने के लिए हरसंभव मदद दी जाए और मुक़दमे का ख़र्चा भी उठाया जाए.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: प्रिया एसेलबोर्न