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११ दिसम्बर २०१०

भारत ने इस बात का भरोसा दिया है कि यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौते से किसानों और छोटे दुकानदारों का नुकसान नहीं होगा और उनकी सुरक्षा के पूरे उपाय किए जाएंगे. ईयू के साथ समझौते पर रजामंदी के बाद प्रधानमंत्री ने बात कही.

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यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष हरमन फैन रोम्पॉय और यूरोपीय कमीशन के अध्यक्ष खोसे मानुअल बारोसो से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस बात की चिंता जताई जा रही है कि भारत में छोटे किसानों और दुकानदारों का क्या होगा, लेकिन मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं कि हम उनके हितों के लिए जरूरी इंतजाम कर सकते हैं.”

दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में भी राष्ट्रों के बीच कारोबार खुला तो बड़े दुकानों की चेनें बन गईं और छोटे दुकानदारों को शटर गिराना पड़ा. भारत में इस बात का डर है कि बड़े पैमाने पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बाजार में आने के बाद छोटे दुकानदारों और किसानों को भारी नुकसान हो सकता है क्योंकि वे प्रतियोगिता में नहीं टिक पाएंगे.

पर मनमोहन सिंह का मानना है कि ऐसा नहीं होगा. उन्होंने कहा, “मुझे पक्का यकीन है कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच होने वाला समझौता हम दोनों के लिए ही बेहद फायदेमंद होगा.”

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बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में जिस समय प्रधानमंत्री यूरोपीय संघ के नेताओं से मिल रहे थे, यूरोपीय यूनियन के मुख्यालय के बाहर सफेद कोट पहने डॉक्टरों का प्रदर्शन हो रहा था. उनक कहना है कि ट्रेड समझौता होने के बाद भारत की सस्ती दवाओं का आयात बंद हो जाएगा. भारत में एचआईवी की दवाएं बहुत सस्ती हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी सप्लाई से दवाओं की कीमत में काफी कमी हुई है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचा, उच्च तकनीक, रिसर्च और विकास के अलावा साफ ऊर्जा के क्षेत्रों में यूरोप के लिए भारत बड़ा बाजार साबित हो सकता है. हालांकि यूरोप बैंकिंग और रिटेल सेक्टर में हाथ आजमाना चाहता है, जहां भारत के सामने अभी ज्यादा विदेशी प्रतियोगिता नहीं है.

भारत और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते में पाकिस्तान भी आड़े आ रहा है. बाढ़ के बाद हाल ही में संघ ने पाकिस्तान को दो साल तक के लिए व्यापारिक छूट देने का फैसला किया है, लेकिन विश्व व्यापार संगठन से इसकी पुष्टि होनी जरूरी है. जाहिर है, भारत को इस पर एतराज होगा. ब्राजील और पेरू जैसे देश भी इस पर ज्यादा चर्चा की बात कह चुके हैं.

इस मुद्दे पर सवाल किए जाने पर प्रधानमंत्री ने सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि इस मुद्दे पर भारत और यूरोपीय संघ के बीच बात चल रही है.

बहरहाल, 11वें शिखर सम्मेलन के बाद भारत और यूरोपीय संघ दोनों ने आशा जताई है कि दो तीन महीने के अंदर व्यापार समझौता हो जाएगा.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ, ब्रसेल्स

संपादनः ओ सिंह