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भारतीय बाजार की टोह लेंगे ओबामा

२६ अक्टूबर २०१०

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी भारत यात्रा के दौरान अमेरिका के सबसे जाने माने उद्योगपतियों से मिलेंगे. व्हाइट हाउज का कहना है कि अमेरिकी कंपनिया भारत के बाजारों को परखना चाहती हैं.

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तस्वीर: AP

उद्योगपतियों में से हवाई जहाज बनाने वाली कंपनी बोइंग के जिम मैकनर्नी, हनीवेल इंटरनैशनल के डेविड कोट और जेनरल इलेक्ट्रिक जीई के जेफरी इमेल्ट शामिल होंगे. राष्ट्रपति ओबामा सहित अमेरिकी वाणिज्य मंत्री गैरी लॉक भी 6 नवंबर को मुंबई में यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के समारोह पर लोगों को संबोधित करेंगे. इनके अलावा पेप्सीको की प्रमुख इंदिरा नूयी और मैकग्रॉ हिल प्रकाशन के टेरी मैकग्रॉ भी ओबामा से मिलेंगे.

काउंसिल के मुताबिक 200 से ज्यादा अमेरिकी कंपनियां भारत में हो रहे इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगी. काउंसिल के प्रमुख रॉन सोमर्स ने कहा, "एक उभरता और आर्थिक रूप से ताकतवर भारत अमेरिका के लिए एक बड़ा मौका है जिससे यहां और अमेरिका में नैकरियां पैदा की जा सकती हैं."

भारत दौरे में ओबामा अमेरिकी निर्यात पर जोर देना चाहते हैं. ओबामा ने वादा किया है कि अगले पांच सालों में वे अमेरिकी निर्यात को पांच गुना बढ़ाएंगे. नवंबर 2 को अमेरिका में कांग्रेस चुनाव हो रहे हैं. माना जा रहा है कि इन चुनावों में ओबामा और डैमोक्रेट्स को काफी नुकसान हो सकता है क्योंकि देश में बेरोज़गारी की दर 10 प्रतिशत तक पहुंच गई है.

Boeing 787 Dreamliner
तस्वीर: AP

भारत में इस वक्त व्यापार की कई संभावनाएं पैदा हो रही हैं. भारत अपने हथियारों का नवीनीकरण करना चाहता है और अमेरिका बोइंग के जरिए भारत के साथ हथियार संबंधी समझौते करना चाहता है. हालांकि दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर कई मुद्दे सामने आ रहे हैं. भारत चाहता है कि ओबामा ड्युएल यूज तकनीक पर निर्यात प्रतिबंध खत्म करे. यह तकनीक परमाणु हथियार बनाने में लगती है. 1998 में परमाणु हथियार के परीक्षण के बाद अमेरिका ने यह प्रतिबंध लागू किया है. उधर अमेरिकी कंपनियों को भारत में असैन्य परमाणु को लेकर कंपनियों की जिम्मेदारी पर कानून से ऐतराज है. कानून में परमाणु हादसा होने पर कंपनियों को जुर्माना और हादसे से प्रभावित लोगों की भरपाई से संबंधित बाते कही गईं हैं. अमेरिकी कंपनियों को इससे परेशानी है. उनका कहना है कि कानून की वजह से भारत में बिजनेस करना उनके लिए इतना आकर्षक नहीं साबित हो रहा.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः आभा एम

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