1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारतीय स्पिनरों ने दिलाई जीत की आस

६ अगस्त २०१०

श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट में भारतीय स्पिनरों ने मेजबान टीम को फिरकी में फंसा लिया है और जीत का दरवाजा खोल दिया है. श्रीलंका की दूसरी पारी 267 रन पर सिमट गई. भारत को सीरीज बराबरी के लिए 257 रन बनाने हैं.

https://p.dw.com/p/OdQu
प्रज्ञान ओझाः जीत की ओर बढ़ायातस्वीर: AP

टीम इंडिया के कामचलाऊ स्पिनर वीरेंद्र सहवाग ने मैच के तीसरे दिन ही दो विकेट चटका कर उम्मीद बंधा दी और चौथे दिन दूसरे स्पिनरों ने इस काम को आसान कर दिया.

इस सीरीज में बेअसर और नाकाम रहे गेंदबाज चल पड़े. प्रज्ञान ओझा और अमित मिश्रा ने श्रीलंका की पारी को लगभग ढहा दिया. हालांकि नौवें विकेट के लिए समरवीरा और मेंडिस ने 100 रन से ज्यादा की साझेदारी खड़ी कर दी. इसका नतीजा यह हुआ कि एक वक्त तक आसान जीत की ओर बढ़ रहे भारत का रास्ता कुछ मुश्किल हो गया है.

चौथे दिन का खेल शुरू हुआ तो दो विकेट पर 48 रन से आगे खेलते हुए कप्तान कुमार संगकारा और नाइट वॉचमैन रणदीव ने पारी को संभाल कर आगे बढ़ाने की कोशिश की. लेकिन 63 रन के कुल योग पर रांदीव आउट हो गए और धुरंधर बल्लेबाज महेला जयवर्धने आए. ओझा ने उन्हें अपनी घूमती गेंदों में फंसा लिया और वह सिर्फ पांच रन बना कर द्रविड़ को कैच थमा बैठे.

संगकारा ने पहली पारी के शतकवीर समरवीरा के साथ पारी को आगे बढ़ाने की कोशिश की. संगकारा कह चुके हैं कि भारत को अगर 275 रन का पीछा करने दिया जाए, तो श्रीलंका मैच जीत सकता है. लेकिन 78 के स्कोर पर खुद कप्तान आउट हो गए और आधी पारी ढहने के बाद कहीं नहीं लग रहा था कि श्रीलंका 200 रन का आंकड़ा पार कर पाएगा.

पहली पारी में शानदार शतक बनाने वाले समरवीरा ने एक छोर संभाले रखा लेकिन दूसरी तरफ से विकेट गिरते रहे. पहली पारी में चार विकेट लेने वाले प्रज्ञान ओझा ने दूसरी पारी में भी तीन विकेट लिए. हरभजन सिंह की जगह टीम में लिए गए अमित मिश्रा ने भी अपनी गेंदों का महत्व बताते हुए तीन विकेट झटक लिए.

एक वक्त पर श्रीलंका 125 रन पर आठ विकेट खो चुकी थी. इसके बाद समरवीरा और मेंडिस ऐसे जमे कि धोनी ने अपने हर गेंदबाज को आजमा लिया लेकिन उनकी साझेदारी को नहीं तोड़ पाए. मेंडिस ने अर्धशतक जमाया और समरवीरा ने भी 83 रन की पारी खेली. आखिरकार मिथुन ने समरवीरा को आउट किया. तब तक श्रीलंका का स्कोर 243 पर पहुंच चुका था.

लेकिन मेंडिस थे कि हार मानने को तैयार नहीं थे. जब अमित मिश्रा ने 267 के कुल स्कोर पर उन्हें आउट किया, तब वह 78 रन बना चुके थे.

टीम इंडिया के स्पिनरों के चलने के बाद श्रीलंका को सबसे ज्यादा कमी मुरलीधरन की खल रही होगी, जिन्होंने इसी सीरीज के पहले मैच के बाद संन्यास ले लिया है. मुरली की गैरमौजूदगी में सिर्फ अजंता मेंडिस के तौर पर एक स्पिनर टीम में है. लेकिन भारतीय बल्लेबाज इस सीरीज़ में मेंडिस को बड़ी आसानी से खेल रहे हैं.

भारतीय बल्लेबाजों को सीरीज बराबर करने का सुनहरा मौका मिल गया है. उन्हें जीत के लिए सिर्फ 257 रन बनाने हैं क्योंकि पहली पारी के आधार पर टीम इंडिया के पास 11 रन की बढ़त पहले से ही है. अगर भारत यह मैच जीतने में कामयाब रहता है तो टेस्ट मैचों में उसकी नंबर एक की गद्दी बच जाएगी. गॉल में खेला गया सीरीज का पहला मैच भारत हारा जबकि दूसरा टेस्ट मैच ड्रॉ रहा.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः वी कुमार