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भारत की दावेदारी में मेक्सिकन तड़का

ओएसजे/आईबी (एएफपी)९ जून २०१६

मेक्सिको ने भी एनएसजी में भारत की सदस्यता का समर्थन किया. 30 साल बाद पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री लैटिन अमेरिकी देश मेक्सिको पहुंचे हैं.

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तस्वीर: Reuters/E. Garrido

अफगानिस्तान, कतर, स्विट्जरलैंड और अमेरिका की यात्रा के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिरी पड़ाव मेक्सिको पहुंचे. राष्ट्रपति आवास में भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मेक्सिको के राष्ट्रपति एनरिके पेना नियेतो ने कहा कि उनका देश 48 सदस्यों वाले न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का समर्थन करेगा. मेक्सिकन राष्ट्रपति ने भारत की भूमिका को सकारात्मक और रचनात्मक बताया.

एनएसजी के दिशानिर्देशों पर ही अंतरराष्ट्रीय परमाणु सामग्री का कारोबार नियंत्रित होता है. संगठन का लक्ष्य परमाणु बमों का प्रसार रोकना भी है. 1967 में शीत युद्ध के दौरान मेक्सिको ने क्लातेलोल्को संधि करवाने में कामयाबी पाई. इस संधि के मुताबिक लैटिन अमेरिकी महाद्वीप और कैरिबियन देश परमाणु हथियार विकसित नहीं करेंगे. संधि को मेक्सिको की बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जाता है. 1998 में परमाणु बमों का परीक्षण करने वाले भारत ने मई 2016 में एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन दिया है. परमाणु हथियारों से संपन्न चीन और पाकिस्तान इसका विरोध कर रहे हैं.

राष्ट्रपति निवास में मुलाकात के बाद एनरिक पेना नियेतो भारतीय प्रधानमंत्री को शाकाहारी डिनर के लिए लेकर गए. इस दौरान नियेतो ने खुद गाड़ी चलायी और दोनों नेता दुनिया के सबसे नामी 50 रेस्तराओं में आने वाले क्वितोनिल लेकर गए.

भारत और मेक्सिको में जलवायु और आहार संबंधी कई समानताएं हैं. लेकिन इसके बावजूद किसी भारतीय प्रधानमंत्री को यहां पहुंचने में 30 साल लग गए. मेक्सिको के समर्थन के बाद मोदी ने कहा, "भारत की सदस्यता के लिए लगातार और सकारात्मक सहयोग के लिए मैंने राष्ट्रपति पेना नियेतो का आभार जताया." स्विट्जरलैंड और अमेरिका पहले ही एनएसजी में भारत की सदस्यता का समर्थन कर चुके हैं.

मेक्सिन राष्ट्रपति ने देशों देशों के संबंधों को "विशेषाधिकृत" के बजाए "रणनीति" साझेदारी में बदलने का एलान भी किया. पेना नियेतो के मुताबिक 2014 में मेक्सिको ने बेहद बड़े सुधार किये हैं. उन्होंने भारतीय कारोबारियों को मेक्सिको में निवेश करने का न्योता भी दिया. पेना नियेतो ने कहा, "हम ऊर्जा सुधारों के इलाकों में निवेश को बढ़ावा देने पर सहमत हुए हैं ताकि भारतीय कंपनियां मेक्सिको में अक्षय ऊर्जा में निवेश कर सकें."

वहीं मोदी ने कहा, "भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अहम साझेदार है. हम अब विक्रेता और ग्राहक के संबंध के आगे बढ़ना चाहते हैं."