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'भारत के जरिए चीन और पाक को भिड़ाना चाहता है अमेरिका'

९ सितम्बर २०१०

चीन की सरकारी मीडिया ने अमेरिका पर चीन और पाकिस्तान के बीच संबंधो को खराब करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. सत्ताधारी पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली में कहा गया है कि अमेरिका का इस काम में भारत का इस्तेमाल कर रहा है.

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तस्वीर: AP / Fotomontage: DW

पीपुल्स डेली ने न्यूयॉर्क टाइम्स की उस रिपोर्ट का हवाला दिया है जिसमें पाक प्रशासित कश्मीर में चीनी फौज की मौजूदगी की बात कही गई है. इसके अलावा भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जयसवाल के वीजा विवाद को भी बिना वजह ज्यादा तूल देने का आरोप लगाया गया है. ये पहली बार है जब चीनी मीडिया ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया जताई है.

Kaschmir Landschaft
तस्वीर: picture-alliance/ dpa

पीपुल्स डेली का आरोप है कि अमेरिका एक रणनीति के तहत दो पुराने दोस्तों चीन और पाकिस्तान के बीच दरार पैदा करना चाहता है और जानबूझकर गिलगित में चीनी फौज की मौजूदगी की रिपोर्ट छापी गई. चीन ने गिलगित में फौज की मौजूदगी की खबरों को सिरे से नकार दिया है. हालांकि दिलचस्प बात ये है कि इसने गिलगित बाल्टिस्तान के इलाके को पाक प्रशासित इलाका कहा है जबकि चीन के विदेश मंत्रालय ने इस पूरे इलाके को उत्तरी पाकिस्तान कहना शुरू कर दिया है.

पीपुल्स डेली में छपे लेख में कहा गया है, "भारत पहले से ही चीन और पाकिस्तान के रिश्तों को संदेह की निगाह से देखता है. ऐसे में सेना के सीनियर अधिकारी को वीजा नाम मिलने से उसकी चिंता और बढ़ गई. मामला ज्यादा बड़ा इसलिए हो गया क्योंकि कथित रूप से बीजिंग ने वीजा इस आधार पर खारिज किया क्योंकि लेफ्टिनेंट जनरल जयसवाल कश्मीर में फौज की कमान संभाल चुके हैं."

इसी लेख में कहा गया है कि हालांकि चीन पाक प्रशासित कश्मीर में बांध बनाने की कुछ परियोंजनाओं में शामिल होना चाहता है लेकिन अमेरिका की इच्छा इस इलाके में अपनी फौजों को तैनात करने की है. इसमें ये भी लिखा है कि इराक से फौजों की वापसी के बाद अमेरिका अब एशिया पर अपना ध्यान लगा रहा है जहां अपने फौज की तैनाती उनकी प्राथमिकता में शामिल है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

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