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पाकिस्तान ने किया भारतीय ड्रोन गिराने का दावा

१६ जुलाई २०१५

भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू के अखनूर सेक्टर में हिंसक मुठभेड़ों की खबर है. भारत ने पड़ोसी देश के सीजफायर उल्लंघन की शिकायत की, वहीं पाकिस्तान ने भारत के जासूसी ड्रोन को गिराने का दावा किया है.

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तस्वीर: dapd

करीब सात दशकों से भारत और पाकिस्तान के बीच चले आ रहे सीमा और आधिपत्य की खींचतान का सिलसिला बुधवार को फिर आगे बढ़ा. जम्मू के अखनूर सेक्टर में दोनों पक्षों की सेनाओं के बीच गोलीबारी और बम मोर्टार फेंके जाने की खबरें हैं. बताया जा रहा है कि हिंसा की चपेट में आने से दो नागरिकों की मौत हो गई है और दर्जनों लोग घायल हो गए हैं.

कुछ ही दिन पहले भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की रूस के उटा शहर में हुई मुलाकात में सीमा विवादों को सुलझाने के लिए आपसी बातचीत फिर से शुरु करने पर सहमति बनी थी. सरकारी सूत्रों के हवाले से पता चला है कि जम्मू में सीमा पर हुई इस हिंसा के खिलाफ भारत ने दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त से और इस्लामाबाद में पाकिस्तानी विदेश कार्यालय दोनों जगहों पर शिकायत दर्ज कराई है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान रेंजर्स ने दो बार युद्धविराम तोड़ने की वारदात की और अखनूर में बम गोले बरसाए. भलवल भारत, मालाबेला और सिदरवान में नागरिकों पर गोलियां चलने की खबर है.

दूसरी ओर, पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पास उसकी सीमा में हवाई तस्वीरें कैद कर रहे भारत के एक जासूसी ड्रोन को मार गिराया. भारतीय वायु और थल सेना ने अपने किसी भी ड्रोन के नष्ट किए जाने के इस दावे को सिरे से खारिज किया है.

दोनों परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसी देशों के बीच मुस्लिम-बहुल आबादी वाले कश्मीर को लेकर मतभेद रहे हैं. 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी पाने के बाद दोनों देशों ने कश्मीर को एलओसी नामके एक 'डी फैक्टो बॉर्डर' से विभाजित कर दिया. दोनों ही देश पूरे कश्मीर पर अपना आधिपत्य चाहते हैं. आजादी के बाद से लड़े गए तीन युद्धों में से दो कश्मीर को लेकर ही हुए. 2003 में भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर की संयुक्त सीमा पर सीजफायर लागू करने पर सहमति बनाई. तबसे भी कई बार सीमा पर हिंसा की खबरें आई हैं.

कई महीनों से ठप्प पड़ी द्विपक्षीय वार्ता के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने रूस में आयोजित ब्रिक्स और एससीओ के दोहरे सम्मेलन के दौरान करीब एक घंटे तक बातचीत की. इसके बाद मोदी ने अगले साल पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन के लिए इस्लामाबाद आने का निमंत्रण भी स्वीकार किया. खुद मोदी ने मई 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के मौके पर शरीफ को निमंत्रित किया था. नई उम्मीदों से भरे दिख रहे दोनों देशों के संबंध जल्दी ही ठंडे पड़ गए, जिनका कारण कश्मीर सीमा पर हिंसक वारदातें जारी रहना भी बताया जाता है.

आरआर/आईबी (पीटीआई, एएफपी)