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भारत में उभरते नए तालिबान

ईशा भाटिया३१ अक्टूबर २०१४

उत्तर प्रदेश में पुलिस ने मोबाइल फोन और पश्चिमी संस्कृति को महिलाओं के साथ बलात्कार की वजह बताया है तो हरियाणा में हिन्दू महासभा ने माता पिता से अपनी बेटियों के इनके इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

हिन्दू महासभा या बजरंग दल के लिए यह कोई नई बात नहीं. ये दल खुद को भारत की संस्कृति के रक्षक कहते हैं और इसी बात की दुहाई दे कर 'मॉरल पुलिस' बने सड़कों पर घूमते हैं. कभी किसी युवा जोड़े को पीट देने की खबर आती है तो कभी किसी क्लब में हुड़दंग मचाने की. अब ये इस बात को भी तय कर देना चाहते हैं कि लड़कियों को क्या पहन कर घर से बाहर निकालना चाहिए.

इस रवैये के कारण कई लोग इनकी तुलना तालिबान से करने लगे हैं. ट्विटर और फेसबुक पर 'न्यू इंडियन तालिबान' नाम का हैशटैग इन दिनों काफी इस्तेमाल किया जा रहा है. लोग इसके जरिए समाज के रक्षक बने इन दलों की मानसिकता पर सवाल उठा रहे हैं. कुछ लोग अपने खुद के अनुभव भी साझा कर रहे हैं.

इस बीच यूट्यूब पर एक वीडियो भी काफी लोकप्रिय हो गया है जिसमें लोगों से लड़कियों के पहनावे के बारे में पूछा जा रहा है. वीडियो में दिखने वाले लोग दुकानदार हैं, राहगीर हैं या नौकरीपेशा लोग हैं. अधिकतर अधेड़ उम्र के पुरुष हैं और इनका मानना है कि लड़कियां छोटे कपड़े पहन कर मर्दों को उकसाती हैं. "लड़कियों को अपनी मर्यादा में रहना चाहिए", "बदन ढका होना चाहिए", "ताली एक हाथ से नहीं बजती" और "लड़कियां हद में रहें तो बलात्कार नहीं होंगे" जैसे बयान शर्मसार करने वाले हैं.